अगस्त में दाखिल आईटीआर पर वसूले गए लेट फी को वापस करेगा आयकर विभाग

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नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। आयकर विभाग अगस्त से दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) पर वसूले गए लेट फी करदाताओं को वापस करेगा। आयकर विभाग ने इससे संबंधित गड़बड़ी को ठीक कर लिया है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से इस साल आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि में दो महीने की बढ़ोतरी की है। इसके बावजूद करदाताओं को लेट फी देना पड़ा था।

सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से हुआ था ऐसा

आयकर विभाग ने कहा है कि आईटीआर फाइल करने की तिथि बढ़ाने के बावजूद करदाताओं को विलंब शुल्क सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के चलते देना पड़ा था। लेकिन, अब आकलन (असेसमेंट) वर्ष 2020-21 का आईटी रिटर्न भरते वक्त करदाताओं से लिए गए ब्याज और विलंब शुल्क को लौटाया जाएगा।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दौरान करदाताओं को अनुपालन संबंधी राहत देने के इरादे से पिछले वित्त वर्ष के आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर, 2021 कर दिया गया है।

31 जुलाई के बाद दाखिल आईटीआर पर लगा लेट फी

उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने करदाताओं को 30 सितंबर, 2021 तक आईटीआर दाखिल करने का वक्त दिया है। लेकिन, कुछ करदाताओं ने यह शिकायत की थी कि 31 जुलाई, 2021 के बाद भरे गए आयकर रिटर्न पर उनसे ब्याज और विलंब शुल्क वसूले गए। इनमें जिन करदाताओं का टैक्स निल यानी जीरो था, उनसे सिर्फ लेट फी ही वसूला गया।

इसे लेकर आयकर विभाग ने ट्विटर पर लिखा है कि आयकर अधिनियम की धारा 234ए के तहत ब्याज और धारा 234 एफ के तहत विलंब शुल्क की गलत गणना से जुड़ी खामी को 1 अगस्त को ठीक कर दिया गया। लेकिन, यदि किसी भी तरह से किसी ने पहले ही गलत ब्याज या विलंब शुल्क के साथ आईटीआर जमा कर दिया है, तो सीपीसी-आईटीआर पर प्रसंस्करण करते वक्त इसकी सही गणना की जाएगी और भुगतान की गई अतिरिक्त राशि यदि होगी तो उसे वापस कर दिया जाएगा।


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