नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार को 89 साल की उम्र में निधन हो गया। लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में उन्होंने आखिरी सांस ली। वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य राजनीतिक हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कल्याण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका जाना भारतीय राजनीति के एक युग का अंत है। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह जी का जनता से जादुई जुड़ाव था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने दृढ़ निश्चयपूर्वक स्वच्छ राजनीति को आगे बढ़ाया और अपराधियों और भ्रष्टाचार के शासन को समाप्त किया। उनके निधन से सार्वजनिक जीवन में एक खालीपन आ गया है।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कल्याण सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन से आहत हूं। उन्होंने राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी कार्य किया। वह एक राष्ट्रवादी और एक अनुकरणीय नेता थे जो लोगों की सेवा के लिए गहराई से प्रतिबद्ध थे। मेरी संवेदनाएं उनके शोक संतप्त परिवार और अनुयायियों के साथ हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा- ‘मैं शब्दों से परे दुखी हूं। वे एक राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है। उनके पुत्र राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की।’
अपने एक अन्य ट्वीट संदेश में पीएम मोदी ने लिखा, भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा कल्याण सिंह जी की आभारी रहेंगी। वह दृढ़ता से भारतीय मूल्यों में निहित थे और हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व करते थे। उन्होंने आगे कहा कि कल्याण सिंह जी ने समाज के वंचित तबके के करोड़ों लोगों को आवाज दी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शोक जताते हुए कहा, “राष्ट्र, धर्म व जनता को समर्पित ऐसे विराट व आदर्शपूर्ण जीवन को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं। उनके निधन से देश व समस्त भाजपा परिवार शोकाकुल है। ये देश व आने वाली पीढ़ियाँ उनके वृहत योगदान के लिए सदैव ऋणी रहेंगी।”
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘कल्याण सिंह जी के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है।’
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- “कल्याण सिंह के निधन से आज हमने एक ऐसा विराट व्यक्तित्व खो दिया, जिसने अपने राजनीतिक कौशल, प्रशासकीय अनुभव और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ी। वे वंचित वर्ग के उत्थान और सभी वर्गों के कल्याण को समर्पित रहे। उन्होंने आगे कहा कि अपनी सहजता व सरलता के कारण वे जनता में लोकप्रिय थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास को नई गति दी। राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर उनके सुदीर्घ अनुभव का लाभ दोनों राज्यों को भी मिला। उनका निधन राजनीति के एक युग का अंत है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने अपने शोक संदेश में कहा कि बाबू कल्याण सिंह जी का देहावसान यद्यपि भारतीय समाज की अपूरणीय क्षति है तथापि भावी काल में वे इतिहास पुरुष कहलाये जाएंगे। निहत्थे भक्तों पर गोली नहीं चलाई जायेगी तथा छह दिसम्बर को या उसके पूर्व अयोध्या में अधिकारियों ने जो कुछ किया, मेरे आदेश से किया, इसकी सम्पूर्ण ज़िम्मेदारी मेरी है, ऐसी घोषणा करने का आत्मिक साहस रखने वाले वे थे , उनका राजनीतिक जीवन अनुकरणीय है । मैं भावपूर्ण श्र्द्धांजलि समर्पित करता हूं। परम पिता परमात्मा उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें , यह कामना है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत व्यथित हूं। जनसंघ और भाजपा को उत्तर प्रदेश में खड़ा करने में कल्याण सिंह जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। गडकरी ने आगे कहा कि विचारधारा के प्रति दृढ़ कटिबद्धता के आगे सत्ता कितनी गौण है, यह सीख कल्याण सिंह जी ने हम सभी को दी। समर्पित राम भक्त, जमीन से जुड़े सच्चे जन-नेता कल्याण सिंह जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कल्याण सिंह का निधन भारतीय राजनीति एवं भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है।
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “राजस्थान के पूर्व राज्यपाल एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवेदना है। ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में शक्ति प्रदान करें।”