राहत पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को, 24 मई तक गिरफ्तार न करने का हाईकोर्ट का आदेश

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मुंबई, 22 मई (हि. स.)। बांबे हाईकोर्ट ने पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को 24 मई तक गिरफ्तार न करने का आदेश दिया है।  हाईकोर्ट के न्यायाधीश शाहरुख काथावाला व न्यायाधीश सुरेंद्र तावड़े ने  मामले की रिकार्डब्रेक 13 घंटे लगातार सुनवाई के बाद शुक्रवार रात करीब 12 बजे इस पर  सुनवाई 24 मई तक के लिए स्थगित कर दिया ।
हाईकोर्ट में पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर दलित उत्पीडन एक्ट के तहत दर्ज मामले को निरस्त किए जाने के लिए  सिंह की याचिका पर शुक्रवार को दिन में 11 बजे से सुनवाई शुरु हुई थी। परमबीर सिंह के वकील महेश जेठमलानी ने परमबीर सिंह पर बदले की भावना के तहत मामला दर्ज करने का आरोप  लगाया। जेठमलानी ने तत्काल इस मामले को निरस्त करने की मांग की।
महेश जेठमलानी ने कोर्ट को बताया कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।  इसी वजह से उन्हें निशाना बनाते हुए परेशान किया जा रहा है।  जेठमलानी ने इस संबंध में कई सबूत भी कोर्ट के समक्ष पेश किए। साथ ही परमबीर सिंह पर मामला दर्ज करवाने वाले पुलिस अधिकारी पर भी पांच मामले दर्ज होने की भी दलील दी। राज्य सरकार के वकील दरायस खंबाटा ने कोर्ट को बताया कि परमबीर सिंह पर दर्ज मामले का संबंध राज्य सरकार से नहीं है। परमबीर सिंह पर मामला दर्ज करने वाला पुलिस अधिकारी भीमराव घाडगे उनके मातहत 2015 में बतौर पुलिस निरीक्षक काम कर चुका है और इस समय आकोला में तैनात है। 2015 में परमबीर सिंह ने कल्याण डोंबिबली में बिल्डरों पर की जा रही कार्रवाई के दौरान कई बिल्डरों पर कार्रवाई न करने का दबाव भीमराव घाडगे पर डाला था। परमबीर सिंह की बात न मानने पर ही पुलिस अधिकारी भीमराव घाडगे पर पांच मामले दर्ज किए गए थे। इनमें एक व्यक्ति पर गोली चलाने का भी मामला शामिल  था,जिसमें घाडगे स्थानीय कोर्ट से निर्दोष छूट गए हैं। सरकार के वकील ने कहा कि साथही वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर परमबीर सिंह भीमराव घाडगे को जातिवाचक गालियां भी देते थे। इस मामले की गहन जांच आवश्यक है। इसलिए सरकार परमबीर सिंह को गिरफ्तार न करने का आश्वासन कोर्ट को नहीं दे सकती। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि परमबीर सिंह को 24 मई तक गिरफ्तार न किए जाए , इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई को की जाएगी और उसके बाद परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर कोई निर्णय लिया जाएगा।

 


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