पटना, 02 नवम्बर (हि.स.)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह का सोमवार को निधन हो गया। वह कोरोना संक्रमित थे और दिल्ली के मैक्स हास्पिटल में भर्ती थे। अस्पताल में ही उन्होंने 87 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। बता दें कि सतीश प्रसाद सिंह 28 जनवरी, 1968 से 1 फरवरी, 1968 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे थे। कुशवाहा जाति से संबंध रखने वाले सिंह परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुने गये थे।
बिहार में सबसे कम समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड सतीश प्रसाद सिंह के ही नाम है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। पिछले महीने 27 अक्टूबर को ही उनकी पत्नी ज्ञानकला देवी का भी निधन हुआ था।
ऐसे बने थे 5 दिन के लिए सीएम
सतीश प्रसाद सिंह के सीएम बनने का किस्सा बड़ा दिलचस्प है। वर्ष 1967 में जब चौथी विधानसभा के लिए चुनाव हुआ, तो उस चुनाव में कांग्रेस को बिहार में बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में प्रदेश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी। जनक्रांति दल के महामाया प्रसाद सिन्हा को सीएम बनाया गया, लेकिन एक साल पूरा होने से पहले ही महामाया प्रसाद सिन्हा को पद छोड़ना पड़ा। उनके बाद महज पांच दिन के लिए संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के नेता सतीश प्रसाद सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया।
कांग्रेस के बाद भाजपा में भी हुए थे शामिल
सतीश प्रसाद सिंह वर्ष 1980 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बिहार की खगड़िया लोकसभा सीट से सांसद बने। कांग्रेस के बाद वे कुछ समय तक भाजपा में भी रहे। 22 सितंबर, 2013 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। हालांकि, उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान कुशवाहा समुदाय को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए भाजपा से इस्तीफा भी दे दिया था।