ईवीएम के विरोध में टीएमसी सांसदों ने संसद के बाहर दिया धरना

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पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019  के बाद ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी।  उसमें ममता ने कहा था कि वह चुनावों में ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट वापस लाने के लिए अभियान शुरू करेंगी। पार्टी इस प्रस्ताव के साथ देश के अन्य विपक्षी दलों के साथ भी बैठक करेगी।



नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) के सांसदों ने ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर की मांग को लेकर सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया।

टीएमसी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन के नेतृत्व में पार्टी सांसदों ने संसद परिसर में हाथों में तख्तियां लेकर बाहर विरोध प्रदर्शन किया। तख्तियों पर लिखा था, ‘ईवीएम नहीं, बैलेट चाहिए।’ हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब पार्टी ने ईवीएम को लेकर विरोध किया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसे मौके आए हैं जब पार्टी की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों(ईवीएम) के इस्तेमाल पर सवाल खड़ा किया।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी सरकार ने लोकसभा चुनाव 2019  के बाद ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी।  उसमें ममता ने कहा था कि वह चुनावों में ईवीएम के बजाय पेपर बैलेट वापस लाने के लिए अभियान शुरू करेंगी। पार्टी इस प्रस्ताव के साथ देश के अन्य विपक्षी दलों के साथ भी बैठक करेगी।

ममता बनर्जी का मानना है कि लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल होने वाले ईवीएम का केवल दो प्रतिशत चुनाव आयोग(ईसी) द्वारा सत्यापित किया गया। ऐसे में बाकी 98 प्रतिशत वोटों में गड़बड़ी संभव है। ममता बनर्जी ने यह भी सवाल किया था कि नतीजे आने से पहले ही भाजपा लोकसभा में 20 सीटें जीतने के प्रति कितनी आश्वस्त थी। केवल टीएमसी ही नहीं बल्कि कांग्रेस सहित कई दलों ने हाल के लोकसभा चुनावों के बाद चुनावों में ईवीएम के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया था।

 


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