लखनऊ, 01 जून (हि.स.)। कोरोना के कारण काम धंधा ठप होने से आर्थिक तंगी का शिकार निराश्रितों की मदद के लिए योगी सरकार ने सरकारी खजाना खोल दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ अफसरों को हर निराश्रित को हर हाल में खाद्यान्न उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों से साथ बैठक में शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में बिना राशन कार्ड वाले निराश्रितों को चिह्नित कर तत्काल एक हजार रुपये व पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर निराश्रितों तक पर्याप्त राशन पहुंचाया जाए और उनके राशन कार्ड बनाये जाएं।प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निराश्रित व्यक्तियों को ग्राम प्रधान निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हो, उसे खाद्यान्न के लिए ग्राम प्रधान निधि से 1,000 रुपये और राशन दिया जाए। इसी तरह शहरों में नगर निकाय निराश्रितों को खाद्यान्न व एक हजार रुपये की धनराशि देगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की स्थिति में, उसके आयुष्मान भारत योजना या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित नहीं होने पर, तात्कालिक सहायता के रूप में ग्राम प्रधान निधि से 2,000 रुपये और बेहतर चिकित्सा प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि वहीं दुर्भाग्य से किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए ग्राम प्रधान निधि से 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी ग्राम पंचायतों की निधि में धनराशि के अभाव पर भी निराश्रितों की मदद नहीं रुकनी चाहिए। जिलाधिकारी तत्काल टीआर–27 से धनराशि उपलब्ध कराएं। बाद में सीएम रिलीफ फंड से यह धनराशि प्राप्त कर ली जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में आज से एक बार फिर 18 करोड़ लोगों के लिए छठवीं बार निशुल्क खाद्यान्न का वितरण भी शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि गोदाम से राशन की दुकान तक खाद्यान्न की सप्लाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए। इसके लिए जीपीएस प्रणाली का प्रयोग किया जाए। ग्राम स्तर पर पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित ढंग से खाद्यान्न की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी जिम्मेदारी से अपना कार्य करें। हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध हो जाए। प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए।