श्रीनगर, 29 अक्टूबर (हि.स.)। यूरोपीय यूनियन सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को अपने दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे श्रीनगर पहुंचा है। इस प्रतिनिधिमंडल में पोलैंड और फ्रांस से 6, ब्रिटेन के पांच, इटली के चार, जर्मनी के दो और चेक गणराज्य बेल्जियम, स्पेन व स्लोवाकिया के एक-एक सांसद हैं। यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात करनेे के बाद कश्मीर घाटी में चुने हुए सरपंचों-पंचों, ब्लाक विकास परिषद के सदस्यों, कई राजनीतिक पार्टियों, सामाजिक संगठनों व स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात कर कश्मीर घाटी की जमीनी हकीकत जानेगा। अपने इस दौरे के दौरान यह प्रतिनिधिमंडल लद्दाख भी जाएगा।
आज श्रीनगर पहुंचकर प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सीधे होटल गये हैं और बताया जा रहा है कि इस दल का कुपवाड़ा दौरा फिलहाल टल गया है। यह दल मंगलवार सुबह ही दिल्ली से हवाई यात्रा के जरिए श्रीनगर के लिए रवाना हुआ था। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पूरी दुनिया में कश्मीर घाटी की गलत तस्वीर पेश करने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के उदेश्य से ही भारत सरकार ने इस दल को जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का दौरा करने की अनुमति दी है ताकि वह भी जान सकें कि जैसा कश्मीर में बताया जा रहा है, वैसा कुछ नहीं है।
दरअसल राज्य में हालात अब तेजी से सुधर रहे हैं लेकिन पाकिस्तान अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। वह कश्मीर को लेकर रोज नए-नए झूठ फैलाकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। यूरोपीय यूनियन सांसदों का दल पाकिस्तान की अफवाहों का भंडाफोड़ करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन सांसदों को अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले के बारे में पहले ही विस्तार से बताया है। उन्होंने बताया कि किन परिस्थितियों में यह फैसला लिया गया और किस तरह सीमा पार से चल रही आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।