ब्रुसेल्स, 30 जनवरी (हि.स.)। दुनिया में भारत की धाक और बढ़ते प्रभाव का असर यूरोपीय संसद में देखने को मिला। भारत के भारी विरोध और उसके मित्रों के दबाव की वजह से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ यूरोपीय संसद (ईपी) में पेश पांच विभिन्न संकल्पों से संबंधित संयुक्त प्रस्ताव पर मतदान मार्च तक टल गया। पहले इस पर बुधवार को बहस के बाद गुरुवार को मतदान होना था।
पाकिस्तान ने अपने कुछ यूरोपीय मित्र देशों की मदद से प्रस्ताव पर मतदान कराने की भरसक कोशिश की, लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी। यूरोपीय संसद में भारत के मित्र पाकिस्तान के मित्रों पर भारी पड़े। यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले पर बुधवार को मुहर लगाई। यूरोपीय संसद से जाते-जाते ब्रिटेन के सदस्य और पाकिस्तान के मित्र शफाक मोहम्मद ने भारत विरोधी प्रस्ताव को पारित कराने की भरपूर कोशिश की।
भारत को उम्मीद है कि यूरोपीय संसद के निष्पक्ष सदस्य उसके पक्ष को समझेंगे। यूरोपीय संसद ने बयान में कहा गया है, ‘ब्रुसेल्स में आज का सत्र शुरू होने पर यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) के फैसले के बाद सीएए पर पेश प्रस्ताव पर मतदान को मार्च तक स्थगित दिया गया है।’ हालांकि, मतदान टलने के कारणों के बारे में बयान में कुछ नहीं कहा गया है।