देहरादून, 02 नवम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड की स्वाति सेमवाल की दस एपिसोड की अक्कड़-बक्कड़ रफू चक्कर वेब सीरीज अमेज़न प्राइम पर रिलीज़ हो रही है। यह एक साथ 240 देशों में रिलीज होगी। उत्तराखंड में रहने वाली स्वाति की फेमिली के लिए यह दीपावली दोगुनी खुशी देने वाली हो गयी है।
कोरोना जैसे विकट हालातों के बाद अमेज़न प्राइम जैसे बड़े प्लेटफार्म की ये वेब सीरीज 3 नवम्बर को रिलीज हो रही है, जिसमें स्वाति ने बेहद दमदार भूमिका निभाते हुए अपने उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।
बरेली की बर्फी और फन्ने खां फ़िल्म में एक्टर राजकुमार राव के अपोज़िट काम करने वाली स्वाति मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के थान गांव की रहने वाली हैं। उनकी स्कूलिंग देहरादून के मार्शल स्कूल से हुई है। स्वाति वर्ष 2007 में मिस उत्तराखंड का खिताब अपने नाम कर चुकी हैं और इसके साथ ही उनका रुख बॉलीवुड की ओर हो गया था।
इस दौरान स्वाति ने एक्टर, राइटर और बतौर डायरेक्टर भी काम किया है। उत्तराखंड की स्वाति के सामने लीड रोल को लेकर कई ऑफर आये लेकिन उन्होंने हल्की छवि वाले किरदारों से हमेशा परहेज किया। यही वजह है कि लम्बे समय बाद उन्होंने वेब सीरीज में लीड रोल के लिए एक दमदार महिला का किरदार चुना।
स्वाति ने मुम्बई से ही कॉल पर बताया कि वे इस रिलीजिंग के दौरान उत्तराखंड आना चाहती थी लेकिन बेहद व्यस्त हैं। फुर्सत मिलते ही सबसे पहले अपने उत्तराखंड के लोगों को प्यार और सहयोग देने के लिए उनका उत्तराखंड आना होगा। स्वाति ने बताया कि 3 नवंबर को अमेजन प्राइम पर जो 10 एपिसोड की अक्कड़-बक्कड़ रफू चक्कर हिन्दी वेब-सीरीज रिलीज हो रही है। इसमें वह एक ऐसी बैंक स्केमर की भूमिका निभा रही हैं जो कि एक गुंडी है और वसूली करती है। स्वाति ने कहा कि ये मेरे लिए बेहद खुशी की बात है कि कोरोना जैसे विकट हालातों के बाद अमेजन प्राइम जैसे सबसे बड़े प्लेटफार्म की वेब-सीरीज में उनको लीड रोल करने का मौका मिला है। ये वेब-सीरीज वर्ल्ड रिलीज हो रही है,जो कि उत्तराखंड के लिए बेहद शान की बात है। उनको पूरी उम्मीद है कि इस दमदार स्टार को हर कोई पसंद करेगा।
मां सरोजनी भाजपा नेता
स्वाति ने बताया कि वे तो अपने उत्तराखंड का नाम देश-विदेश में रोशन कर ही रही हैं लेकिन उनकी मां सरोजनी सेमवाल भी भाजपा पार्टी में बतौर महिला अध्यक्ष अपने राज्य के लिए काम कर रही हैं। पिता पीसी सेमवाल रिटायर्ड मेडिकल प्रोफ़ेशनल हैं।
स्वाति का संघर्ष मिसाल
सिनमिट कम्युनिकेशन के ओनर दलीप सिंधी ने कहा कि वर्ष 2007 में मिस उत्तराखंड का खिताब जीतने के साथ ही स्वाति का जो संघर्ष शुरू हुआ था वो अब सबके लिए मिसाल बन गया है। मिस उत्तराखंड की अन्य कंटेस्टेंट को भी इससे काफी कुछ सीखने को मिलेगा।