रायपुर, 01 अक्टूबर (हि.स.)। आत्मनिर्भर भारत अभियान ने भारत के अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खोले हैं। यदि हम इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाते हैं तो इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती भी आएगी। आज भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती एवं अवसर यह है कि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया को एक सूत्र में बांधने के लिए वह वैश्विक भूमिका में अपने आप को प्रस्तुत करे। यह बात राज्यपाल अनुसुइया उइके ने कही। वे आज ग्लोबल काउंटर टेरोरिज्म काउंसिल द्वारा आयोजित ऊर्जा सुरक्षा सम्मेलन के वेबिनार सीरिज को संबोधित कर रही थीं।
राज्यपाल उइके ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत में वृद्धि हुई है। इस स्थिति में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में संभावनाएं बढ़ती जा रही है। हम ऊर्जा की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया है। यह निर्भरता हर क्षेत्र में होगी। सुश्री उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2018 के ग्लोबल अक्षय ऊर्जा सम्मेलन में सौर उर्जा के महत्व पर जोर देते हुए विश्व के सभी देशों से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया था। उन्होंने वर्ष 2018 में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की पहली सभा में ‘एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड’ की अवधारणा प्रस्तुत की। इसका उद्देश्य ही एक ग्रीन ग्रिड के माध्यम से पूरी दुनिया में अक्षय उर्जा में आपूर्ति संतुलन स्थापित करना और आपस में साझा करना था। ऐसी व्यवस्था से सातों दिन और 24 घंटे विद्युत की आपूर्ति की जा सकती है। हमारे देश के द्वारा प्रस्तुत की गई यह अवधारणा नवीनीकरण ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है और यह भी संकेत करता है कि भारत ऐसे अवधारणा के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर तो बढ़ेगा ही साथ ही ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे विश्व का नेतृत्व भी करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल की है और यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2020 तक भारत 175 गीगावाट ऊर्जा हरित साधनों से पैदा करेगा और 2030 तक यह साढ़े चार सौ गीगावाट तक पहुंच जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में बड़ी संभावनाएं हैं। हमारे देश में सौर ऊर्जा की प्रचूरता है और यह पर्यावरण की दृष्टि से पूरी तरह सुरक्षित है। हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल हो रहे हैं, यह अच्छी उपलब्धि है। मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारत सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगाने को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष छूट दिये जा रहे हैं। मेरा आग्रह है कि इस क्षेत्र में हमारे उद्यमी सामने आएं और सौर ऊर्जा पर आधारित उद्यम स्थापित करें।
इस वेबिनार में पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त, नीपको लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विनोद कुमार सिंह, ओ.एन.जी.सी. के निदेशक (अन्वेषण) राजेश कुमार श्रीवास्तव, पी.टी.सी. इंडिया फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं सी.ई.ओ. पवन सिंह, राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड के प्रमुख ऊर्जा रणनीतिकार एवं प्रबंध निदेशक संजीव पाठक, एन.एच.पी.सी. लिमिटेड के निदेशक (परियोजना) रतीश कुमार, मिटकेट ग्लोबल कन्सलटिंग प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक एवं सी.ई.ओ. पवन देसाई शामिल हुए।