नई दिल्ली, 21 जून (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर तो असर पड़ा ही है, रोजगार के क्षेत्र पर भी काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। उद्योग धंधों के बंद होने के कारण बेरोजगारी दर में तुलनात्मक तौर पर बढ़ोतरी होने का दावा भी किया जा रहा है। राहत की बात यही है कि मार्च की तुलना में अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र में रोजगार की संख्या में करीब 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से मिली जानकारी के मुताबिक अप्रैल के महीने में ईपीएफओ से 12.76 लाख नए लोग जुड़े, जबकि मार्च के महीने में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए लोगों की संख्या 11.22 लाख थी। इसी तरह फरवरी में 12.37 लाख नए लोग ईपीएफओ से जुड़े थे, जबकि जनवरी 2021 में 11.95 लाख लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े थे।
2021 के शुरुआती 4 महीने में संगठित क्षेत्र में सबसे अधिक रोजगार अप्रैल के महीने में ही मिला। साल के इन पहले 4 महीने में कुल 48.3 लाख लोग कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े। इतना ही नहीं नौकरी छूटने के कारण ईपीएफओ की सदस्यता छोड़ने वाले लोगों की संख्या में भी मार्च महीने की तुलना में अप्रैल के महीने में कमी आई। जबकि दोबारा ईपीएफओ की सदस्यता लेने वालों की संख्या में मार्च की तुलना में अप्रैल में बढ़ोतरी हुई। इससे जाहिर है कि जिन लोगों की नौकरी छूटी उनमें से कई लोगों को दोबारा नौकरी मिल गई।
बताया जा रहा है कि ईपीएफओ की सदस्यता लेने वालों में सबसे ज्यादा ज्यादा नए लोग तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और हरियाणा राज्य से हैं। सिर्फ इन 5 राज्यों से ही अप्रैल के महीने में 7.58 लाख नए लोग ईपीएफओ से जुड़े। इसके अलावा अप्रैल के महीने में ईपीएफओ से जुड़ने वाले लोगों में महिलाओं की संख्या भी करीब 2.81 लाख रही।