नई दिल्ली, 26 सितम्बर (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में अब किसी भी आपात स्थिति में दमकल, पुलिस और एंबुलेंस से मदद के लिए अब आपको 100, 101 या 102 डॉयल करने की जरूरत नहीं। तीनों ही नंबरों के लिए अब आपको महज एक नंबर 112 डॉयल करना होगा।
बुधवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम (ईआरएसएस-112) का उद्घाटन किया। दिल्ली में अब पुलिस, दमकल विभाग या एंबुलेंस से मदद मांगने के लिए आपको 112 नंबर ही डॉयल करना होगा। अधिकारियों की मानें तो 112 को दिल्ली के अलावा कई राज्यों में शुरू किया जाना है। इससे न सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं और प्रभावी हो जाएंगी बल्कि कॉल का रिस्पांस टाइम भी घटेगा। कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने 15 प्रखर (स्ट्रीट क्राइम पेट्रोल वैन) वैन (स्कोर्पियो एसयूवी) को भी हरी झंडी दिखाई। हर जिले में फिलहाल एक प्रखर वैन की तैनाती की गई है। जिन जगहों पर अधिक क्राइम होता है, वैन वहां पेट्रोलिंग पर रहेगी।
मोबाइल ऐप से भी मदद ले सकते हैं
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता अनिल मित्तल के अनुसार किसी भी मुसीबत के समय पीड़ित 112 नंबर को डॉयल करने के अलावा अपने मोबाइल ऐप पर भी इससे मदद ले सकेगा। मोबाइल ऐप के जरिये यदि कोई पीडि़त अपने मोबाइल के ऐप में मौजूद पॉवर बटन को तीन बार दबाएगा तो उसकी कॉल को पैनिक कॉल मानकर उसे इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (ईआरसी) में भेज दिया जाएगा। ऐसी कॉल मिलने पर तुरंत कंट्रोल रूप से कॉलर के पास मदद भेजी जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि ऐसी कॉल को आप सोशल मीडिया के अलावा, ई-मेल या एसएमएस के जरिये भी कर सकते हैं। 112 के लिए इंटेग्रेटेड कॉम्लैक्स, शालीमार बाग में बनाया गया है। फिलहाल अभी पुराने नंबर-100, 101 और 102 भी प्रभावी रहेंगे। इन नंबरों पर कॉल करने पर कॉल सीधे 112 पर अपने आप चली जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय में चल रहा पुलिस नियंत्रण कक्ष फिलहाल अभी काम करेगा, बाद में इसे बंद कर दिया जाएगा।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने की तारीफ
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किशन रेड्डी ने दिल्ली पुलिस की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लगातार दिल्ली पुलिस के आधुनिकीकरण की वजह से राजधानी में अपराध, खासकर स्ट्रीट क्राइम में कमी आई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रखर वैन की संख्या फिलहाल 15 है, जिसे बाद में बढ़ाकर 100 कर दिया जाएगा।
दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बताया कि 112 गृह मंत्रालय का ऐसा प्रोजेक्ट है, जिससे सभी सिविक एजेंसियों की कार्यकुशलता में सुधार होगा। लगातार दिल्ली पुलिस के आधुनिकीकरण की वजह से दिल्ली में 20 फीसदी से अधिक स्ट्रीट क्राइम में कमी आई है। कार्यक्रम के दौरान एमएचए के अतिरिक्त सचिव (यूटी) गोविंद मोहन, संयुक्त सचिव पुनिया सालिला श्रीवास्तव के अलावा दिल्ली पुलिस तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
हर जिले के लिए एक प्रखर वैन
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने 15 प्रखर वैन को भी हरी झंडी दिखाई। दिल्ली के सभी 15 जिलों में जहां अपराध ज्यादा है, वहां पर हर जिले में एक वैन की तैनाती की जाएगी। स्कोर्पियाे एसयूवी वैन आधुनिक हथियारों से लैस होगी। इसके अलावा इन वैन में आधुनिक सॉफ्टवेयर भी मौजूद होंगे, जिसकी मदद से टेक्नीकल सर्विलांस में भी मदद मिलेगी। प्रखर वैन पीसीआर से बिल्कुल अलग होगी। भविष्य में इनकी संख्या को बढ़ाकर 100 कर दिया जाएगा।
50 साल पुराना इतिहास बदला
इस ऐतिहासिक तब्दीली के साथ ही, दिल्ली पुलिस का करीब 50 साल पुराना इतिहास भी बदल रहा है। वजह, इस अत्याधुनिक कंट्रोल रूम के शुरू होने के साथ ही 1970 के दशक से और बेहद पुरानी तकनीक के सहारे चल रहे दिल्ली पुलिस मुख्यालय स्थित पुलिस कंट्रोल रूम को बंद कर दिया जाएगा। दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक सूत्र ने बताया, ‘पुराने कंट्रोल रूम के स्टाफ को नई जगह शिफ्ट कर दिया गया है। जहां तक पुराने कंट्रोल रूम में मौजूद मशीनरी का सवाल है, तो वह अब इस्तेमाल के काबिल ही नहीं बची है।’
तीन शिफ्ट में करेगी पुलिस काम
डायल-112 सेवा का नया मुख्यालय दिल्ली के हैदरपुर (शालीमार बाग) में स्थापित किया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस नए पुलिस कंट्रोल रूम में कागज का उपयोग नहीं होगा और अगर होगा भी तो न के बराबर। एक बटन दबाते ही आपात सूचना, संबंधित विभाग को खुद-ब-खुद पहुंच जाएगी। अधिकारी के अनुसार करीब 50 साल पुराने पुलिस कंट्रोल रूम में 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में औसतन 100 पुलिसकर्मी प्रति शिफ्ट में ड्यूटी करते थे। यह अनुमानित संख्या नए और अत्याधुनिक कंट्रोल रूम में बढ़ाकर अब 120 पुलिसकर्मी प्रति पाली कर दी गई है।