नई दिल्ली, 20 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी। याचिका एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने दायर की है।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि सरकार ने इसका दुरुपयोग किया है। इससे काले धन को बढ़ावा मिल रहा है। याचिका में इलेक्टोरल बांड स्कीम 2018 पर रोक लगाने की मांग की गई है। गौरतलब है कि 2019 के आम चुनावों के पहले इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे इलेक्टोरल बांड के जरिये मिले चंदे की जानकारी निर्वाचन आयोग को दें।
तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि यह जानकारी 31 मई तक निर्वाचन आयोग को सीलबंद लिफाफे में दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 15 मई तक उन्हें इलेक्टोरल बांड के जरिये जो भी चंदा मिला है, उसकी जानकारी 31 मई तक सौंपें। ये सीलबंद लिफाफा निर्वाचन आयोग के पास तब तक रहेगा, जब तक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अंतिम फैसला नहीं कर लेता है। सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बांड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।