रांची, 16 नवम्बर (हि.स.)। झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आंतरिक कलह और मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ पार्टी के एक समूह की नाराजगी अब खुलकर सामने आने लगी है। जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट के लिए भाजपा की चौथी सूची में भी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं होने पर मंत्री सरयू राय ने कहा कि उनको लेकर पार्टी के अंदर असमंजस की स्थिति थी, इसलिए उन्होंने नेतृत्व से बात कर यह कह दिया है कि उनके नाम पर विचार न करें और जमशेदपुर पश्चिम से पार्टी के किसी कार्यकर्ता या बाहर से आये किसी नेता को टिकट दे दें।
मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का संकेत देते हुए मंत्री सरयू राय ने बताया कि उन्होंने दो विधानसभा क्षेत्रों जमशेदपुर पश्चिमी और जमशेदपुर पूर्वी के लिए नामांकन पत्र खरीदा है। उन्होंने बताया कि पहले जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा सीट, जहां से अभी वे विधायक थे, वहां से फिर से चुनाव लड़ने को लेकर नामांकन पत्र खरीदा था लेकिन अब नेतृत्व की दुविधा दूर करने को लेकर जमशेदपुर पूर्वी सीट के लिए नामांकन पत्र खरीदा है।
सरयू राय ने बताया कि वे सक्रिय कार्यकर्ता से विचार-विमर्श के बाद रविवार को कोई फैसला लेंगे। कार्यकर्ताओं की राय होगी तो वे चुनाव लड़ने का निर्णय लेंगे अन्यथा सक्रिय राजनीति से अलग हो जाएंगे।
इससे पहले सरयू राय शनिवार की सुबह पूर्वी जमशेदपुर विधानसभा क्षेत्र स्थित मां भुवनेश्वरी मंदिर में पूजा अर्चना करने पहुंचे थे। उस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में सरयू राय ने कहा कि किसी मंदिर को भौगोलिक और राजनीतिक सीमा से नहीं बांधना चाहिए। उन्होंने कहा कि टिकट का मसला अभी केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष विचाराधीन है और नेतृत्व यथासमय, यथायोग्य निर्णय लेगा।
टिकट नहीं मिलने की स्थिति पर अगले राजनैतिक कदम के संबंध में सरयू राय ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। हालांकि राजनीतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो ) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन युवा नेता हैं और भविष्य भी हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना उनका पेशा नहीं है, यह एक पड़ाव मात्र है और हर पड़ाव पर वे विचार-विमर्श के बाद फैसला लेते है। इस दौरान उन्होंने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को युवा नेता और भविष्य का नेता बताया। जमशेदपुर पश्चिमी सीट कांग्रेस के खाते में गयी है और इस सीट पर कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है।
गौरतलब है कि सरयू राय का मुख्यमंत्री से काफी समय से विवाद सार्वजनिक रहा है। उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री से भी त्यागपत्र दे दिया था। समय समय पर सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कई पत्र लिखे और वित्तीय अराजकता की बात करते हुए सार्वजनिक रूप से अपनी बात कही।