नई दिल्ली, 11 नवम्बर (हि.स.)। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) टीएन शेषन के निधन पर चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गहरा शोक व्यक्त किया है। आयोग ने कहा है कि शेषन चुनाव आयोग और देश के लिए हमेशा एक आइकन रहेंगे। शेषन अपने कार्यालय से जुड़ा एक उच्च मानदंड तय करके गए और अपने जीवनकाल में एक किवदंती बन गए। वह आने वाले समय में सभी सीईसी और ईसीएस के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे।
आयोग की ओर से शेषन के निधन पर जारी वक्तव्य में कहा गया है कि आयोग 10वें मुख्य चुनाव आयुक्त तिरुनेलई नारायण अय्यर शेषन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता है। शेषन ने चुनावी प्रक्रिया से जुड़े बहुत से व्याकरणों को फिर से परिभाषित किया। सीईसी के संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने चुनावी दुर्भावनाओं पर भारी पड़कर और हिंसा व बाहुबल के साथ कठोरता से पेश आते हुए आयोग का कद बढ़ाया और जब वह सत्ता में थे तब सभी उच्च स्तर के मानदंड तय करके गए।
ईसीआई ने कहा कि शेषन सही जगह पर, सही समय पर, सही आदमी थे। वह चुनावी भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध का प्रतीक बन गए। उन्होंने ऐसा वातावरण और चेतना पैदा की, जिससे नागरिकों को लगा कि वे चुनाव में मुख्य हिस्सेदार हैं। शेषन ने आयोग के लिए एक समृद्ध विरासत को पीछे छोड़ दिया है और हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे। हम महान दिवंगत आत्मा की प्रार्थना करते हैं और अपनी गहन संवेदना व्यक्त करते हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत ईसीआई को मिली स्वायत्तता और अधिकार को भरपूर उपयोग किया। केवल चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के प्रबंधक के रूप में कार्य करने से इनकार करते हुए उन्होंने धन, शराब, ताकत के उपयोग, बूथ कैप्चरिंग आदि जैसी बुराइयों से चुनावों को मुक्त किया। एक नौकरशाह से उन्होंने खुद को ‘भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। लोगों को वोट की ताकत की याद दिलाई।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के तमिलनाडु कैडर के 1955 बैच के एक शानदार अधिकारी शेषन 12 दिसम्बर,1990 से 11 दिसम्बर,1996 के बीच सीईसी रहे। इससे पहले वह कैबिनेट सचिव रहे थे। अपने अंतिम 22 वर्ष उन्होंने चेन्नई में सेवानिवृत्त जीवन व्यतित किया।