पटना, 15 सितम्बर (हि.स.) । बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चुनाव आयोग में कई राजनीतिक दलों का चुनाव चिह्न बदल दिया है। चुनाव आयोग ने पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी का चुनाव चिह्न हाकी स्टीक की जगह अब कैंची चुनाव चिन्ह आवंटित किया है जबकि जीतनराम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से टेलीफोन चुनाव चिह्न वापस लेकर उन्हें कड़ाही का सिंबल दिया गया है।
इन दोनों दलों के साथ-साथ कुल 12 पार्टियों को आयोग ने सिंबल जारी कर दिया है। राष्ट्रीय जन-जन पार्टी को बेड का सिंबल दिया गया है। राजनीतिक पार्टी बनाने वाले भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के आशुतोष कुमार की पार्टी को अब मान्यता मिल गई है। इसके अलावा जनतांत्रिक लोकहित पार्टी को टेलीविजन छाप, जनता दल (राष्ट्रवादी) को डोली, आम जनता पार्टी (राष्ट्रीय) को चप्पल चुनाव चिन्ह मिला है। लोकतांत्रिक जन स्वराज पार्टी को कैरम बोर्ड, भारतीय लोकनायक पार्टी को रोड रोलर, राष्ट्रीय जन विकास पार्टी को बेबी वॉकर, हिंदुस्तानी संपूर्ण आजाद पार्टी को बैलून, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया राष्ट्रीय को दूरबीन, मजदूर एकता पार्टी को हैंड कार्ड का सिंबल दिया गया है। जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने बताया कि वर्ष 2015 से चला आ रहा हाकी चुनाव चिन्ह अब आज की तारीख से खत्म हो गया। अब जाप पार्टी का नया चुनाव चिन्ह कैंची छाप है। पार्टी सभी 243 विधानसभा सीटों पर कैंची छाप चुनाव चिन्ह के साथ मैदान में अपने उम्मीदवार उतारेगी। पप्पू यादव ने कैंची चुनाव चिन्ह मिलने पर ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा कि कैंची के सहारे बिहार की जनता भ्रष्टाचारियों और लुटेरों के पर कतरेगी। हमारा प्रयास होगा कि कैंची बिहार की जनता का अपना चुनाव चिन्ह हो। कैंची इस बार जनता के सामने एक विकल्प के रूप में होगी। आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत तय है। जाप के एक-एक कार्यकर्ता बिहार में बदलाव के वाहक बनेंगे। उन्होंने कहा कि नया चुनाव चिन्ह मिलने से लोगों को हमें समझने में सहूलियत होगी। कैंची चुनाव चिन्ह मिलने पर जाप के सभी शीर्ष नेताओं ने ख़ुशी व्यक्त की है।