नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। चुनाव आयोग ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के मुद्दे को लेकर एक आंतरिक बैठक कर अनौपचारिक चर्चा की। यह बैठक गत सप्ताह संसद में पारित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के मद्देनजर बुलाई गई। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून की धारा 60 के अनुसार जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित क्षेत्र की विधानसभा सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो जाएगी।
एक अधिकारिक सूत्र के अनुसार बैठक में आयोग के सदस्यों ने राज्य पुनर्गठन कानून के प्रावधानों पर चर्चा की। इसके अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे नए राज्यों के परिसीमन के समय अपनाई गई प्रक्रिया से भी आयोग के सदस्यों को परिचित कराया गया। आयोग जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद शुरू करेगा।
आयोग ने इस बैठक में विधेयक के प्रावधानों के अनुसार जम्मू-कश्मीर के 31 अक्टूबर से दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बदलने को लेकर शुरुआती चर्चा की। चुनाव आयोग ने परिसीमन पर राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से भी जानकारी मांगी है। परिसीमन किसी देश या प्रांत में विधायी निकाय वाले क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों की हद या सीमाओं को तय करने की प्रक्रिया है।
सूत्र की मानें तो चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अंजाम देगा। इसके लिए वह एक परिसीमन आयोग भी गठित करेगा। आयोग परिसीमन में राज्य के राजनीतिक दलों और जनता से भी विचार-विमर्श करेगा। आयोग इसकी एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगा।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद वह दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा। ऐसे में केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की तर्ज पर विधानसभा होगी। दूसरे केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख में चंडीगढ़ की तरह विधानसभा नहीं होगी।