नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.)। संपादकों की संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड’ ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह कश्मीर घाटी में इंटरनेट सहित सभी संचार सुविधाओं को बहाल करे, ताकि मीडिया स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सके।
‘एडिटर्स गिल्ड’ के अध्यक्ष शेखर गुप्ता ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कश्मीर घाटी में संचार सुविधाओं को बंद किये जाने के कारण मीडिया की स्वतंत्रता बाधित हो रही है तथा राज्य के घटनाक्रम की सही और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी जाने वाले कुछ मीडिया कर्मियों ने घाटी के हालात के बारे में समाचार भेजे हैं, लेकिन ऐसा वह घाटी से निकलने के बाद ही कर पाए। स्थानीय मीडिया पर प्राय: पूरी तरह रोक है, जबकि जमीनी हकीकत यही मीडिया बयान करती है। गिल्ड ने कहा है कि सरकार को यह पता है कि आजकल इंटरनेट के बिना समाचारों के संकल्न और प्रसारण का काम संभव नहीं है।
बयान में कहा गया कि मीडिया का काम है कि वह सरकार और सुरक्षा बलों पर नजर रखे। इसके लिए जरूरी है कि उसे स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। गिल्ड ने कहा है कि प्रशासन को बाहरी और स्थानीय पत्रकारों में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए तथा स्थानीय पत्रकारों को कर्फ्यू पास जैसी सुविधाएं दी जानी चाहिए।
गिल्ड ने सरकार से आग्रह किया है कि वह मीडिया की संचार सुविधाओं को तुरंत बहाल करे तथा पत्रकारों की सुरक्षा और आवागमन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करे। गिल्ड ने कहा है कि पारदर्शी मीडिया से भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है। वास्तव में यह भारत की ताकत है।