मनी लॉन्ड्रिंग मामला : ईडी बाहुबली अतीक, मुख्तार और सपा नेता आजम खान से पूछताछ करेगी
लखनऊ, 20 सितम्बर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में उप्र के सपा नेता आजम खान, अलग-अलग जेल में बंद बहुबली मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद से पूछताछ करेगा। ईडी को इन नेताओं से हिरासत में पूछताछ की अनुमति मिल गई है।
प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां, गैंगेस्टर से बसपा विधायक बने मुख्तार अंसारी व अतीक अहमद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। अब प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में इन तीनों नेताओं से पूछताछ करने की अनुमति मिल गई है। इस मामले में कुछ दिन पहले ईडी ने इन तीनों नेताओं के खिलाफ पूर्व में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा दर्ज किया था। अब कोर्ट से इन तीनों नेताओं को कस्टडी में लेकर पूछताछ करने की इजाजत मिल चुकी है।
16 कंपनियों ने लगाया पैसा
पर्वतन निदेशालय ने माफिया अतीक अहमद के खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था। उन पर आरोप है कि पिछले वर्ष पुलिस ने अतीक की कुल 16 कंपनियां चिह्नित की थीं, जिसमें से कई बेनामी थीं। इन कंपनियों में नाम तो किसी और का है, लेकिन इनमें पैसा अतीक का लगा हुआ है। इनमें से ज्यादातर कंपनियों का कारोबार रियल इस्टेट से संबंधित है। इन कंपनियों का लेनदेन करोड़ों रुपये में है। जिन 16 कंपनियों के बारे में जानकारी मिली है, उनमें से तीन कंपनियां अतीक की पत्नी साइस्ता परवीन जबकि पांच रिश्तेदारों के नाम से रजिस्टर्ड हैं। आठ कंपनियां ऐसी हैं जिनके बारे में यह नहीं स्पष्ट हो सका है कि उनका मालिक कौन है। इसी मामले में अतीक की 16 कंपनियों की मिली थी। इसी मामले में ईडी अतीक से अहमदाबाद में जाकर पूछताछ करेगी, इसके लिए तैयारी भी शुरु कर दी गई है।
आजम पर किसानों की जमीन हड़पने का आरोप
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खान पर किसानों की जमीन हड़पने का अरोप है। किसानों ने इसकी शिकायत राज्यपाल से की थी। इसमें कहा गया कि आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर जिन जमीनों का अधिग्रहण किया था। उनमें से कई जमीनें सरकारी हैं और यूनिवर्सिटी बनाने में सरकारी पैसे का इस्तेमाल हुआ है। इस वक्त आजम खान सीतापुर जेल में बंद है।
मुख्तार ने सरकारी जमीन किराये पर दी
बहुबली विधायक मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा की जेल में बंद है। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने एक जुलाई को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। आरोप है मुख्तार अंसारी ने एक सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर उसे सात वर्षों के लिए 1.7 करोड़ रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से एक कंपनी को किराये पर दे दिया। ईडी इस रकम और कब्जा जमाने के मामले में अपनी पूछताछ करेगी।