ईडी को आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की इजाज़त

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कोर्ट ने कहा कि जब पूछताछ पूरी हो जाये तब फिर उनको मंडोली जेल में शिफ्ट किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।



नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर शिव प्रिया, अनिल शर्मा और अजय कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की इजाज़त दी। जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने ईडी को तुरंत कस्टडी में लेने को कहा । कोर्ट ने कहा कि जब पूछताछ पूरी हो जाये तब फिर उनको मंडोली जेल में शिफ्ट किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

ईडी ने मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए सुप्रीम कोर्ट से तीनों की हिरासत की मांग की थी। कोर्ट ने भुवनेश्वर अथॉरिटी, रायपुर अथॉरिटी, रॉयल गोल्फ और कॉरपोरेशन बैंक को 3 से 6 हफ्ते में बकाया राशि जमा करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने एनबीसीसी को कंस्ट्रक्शन काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जोडिएक, सफायर 1, 2 , सिलिकॉन सिटी 1, 2 , प्रिंसली इस्टेट, सेंचुरियन पार्क के टेंडर जारी कर कंस्ट्रक्शन के काम को शुरू करने के भी आदेश दिया ।
2 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया था कि वो अंतराष्ट्रीय कंपनी जेपी मॉर्गन की भूमिका को लेकर तीन महीने में जांच पूरी करे। सुप्रीम कोर्ट ने रिसीवर से कहा था कि वो आम्रपाली की 85 कारों को बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए फंड जुटाएं । कोर्ट ने बैंकों से पूछा था कि वो फ़्लैट खरीददारों को कैसे लोन मुहैया कराएंगे।
पिछले 11 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को आम्रपाली की दो हजार यूनिट्स को बेचने के लिए योजना दाखिल करने का निर्देश दिया था । कोर्ट ने आम्रपाली की ओ-टू हैली और हार्टबीट सिटी की फोरेंसिक ऑडिट करने का आदेश दिया था । सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों से बकाया राशि जमा करने को कहा था।
पिछले 26 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वे फॉरेंसिक ऑडिटर की रिपोर्ट सौंपें। कोर्ट ने कहा था कि ईडी और पुलिस निवेशकों के पैसों के गबन के मामले में ज़रूरी कार्रवाई शुरू करें। नोएडा और ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने अथॉरिटी से अपने पिछले आदेश पर अमल के लिए एक-एक अधिकारी नियुक्ति करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा था कि अधूरे प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए एनबीसीस को 7.16 करोड़ रुपये की रकम दी जाए।
13 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को निर्देश दिया था कि वे आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों को रजिस्ट्री करना शुरु करें। कोर्ट ने दोनों एजेंसियों को सख्त हिदायत दी थी कि अगर फ्लैट खरीददारों को कब्जा देने में कोई देरी करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने कोर्ट से कहा था कि कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए उन्होंने आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों के मामलों को देखने के लिए स्पेशल सेल गठित किया है ।
23 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया था कि वो आम्रपाली समूह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज करे और पैसों की हेराफेरी की जांच करें। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी अधूरे प्रोजेक्ट का निर्माण करने के लिए एनबीसीसी कौ सौंप दिया था।

 


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