नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी आईएलएंडएफएस के कर्ज के भुगतान में चूक करने के मामले में पहली चार्जशीट दायर की है। ईडी इससे पहले इस मामले में करीब 570 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर चुका है। ईडी के एक अधिकारी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी।
ईडी ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत मुंबई में स्पेशल कोर्ट के सामने शुक्रवार को ये चार्जशीट दायर की गई है। इसी अधिनियम के तहत आईएलएंडएफएस की संपित्तयों, बैंक खातों और दिल्ली, मुंबई, चेन्नई तथा ब्रुसेल्स में स्थित कई अचल संपत्तियों को भी ईडी ने जब्त करने का प्राथमिक आदेश जारी कर चुका है।
दरअसल, ये अचल संपत्तियां कमर्शियल और रेजिडेंशियल हैं, जो आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेशकों रवि पार्थसारथी, रमेश बावा, हरि शंकरन, अरुण साहा और रामचंद करुणाकरन के पास हैं। जांच एजेंसी पहले ही साहा और करुणाकरन को जून में गिरफ्तार कर चुकी है।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर इस साल ईडी ने फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दायर किया था। गौरतलब है कि इस चार्जशीट में ईडी ने यह आरोप लगाया है कि आईएलएंडएफएस का सीनियर प्रबंधक और अधिकारी कमिशनखोरी जैसे गैर-कानूनी कामों में शामिल था।