वित्तमंत्री सीतारमण ने संसद में पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, 7 फीसदी विकास दर का जताया अनुमान

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पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 फीसदी पर रही थी।



नई दिल्ली, 04 जुलाई (हि.स.)। निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आर्थिक सर्वेक्षण गुरुवार को पेश किया। वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सीतारमण ने राज्यसभा में बजट से एक दिन पहले पेश किए गए आर्थिक सर्वे में सात फीसदी विकास दर का अनुमान जताया। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2019-20 में विकास दर में तेजी का अनुमान जताते हुए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) सात फीसदी का अनुमान जताया है।
आर्थिक सर्वे में 7 फीसदी ग्रोथ का अनुमान
पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ रेट पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 फीसदी पर रही थी। आर्थिक सर्वे में सात फीसदी ग्रोथ का मतलब है कि भारत दुनिया में तेज गति से बढ़ने वाला देश बना रहेगा। वहीं, सर्वे में वैश्विक ग्रोथ के कम रहने की भी संभावना व्यक्त की गई है।
अर्थव्यवस्था में सुधार के जताया संकेत
निर्मला सीतारमण ने संसद में पेश किए गए 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सात फीसदी रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में पूरे साल विकास दर के निचले स्तर पर रहने के बावजूद अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार का संकेत हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण की बड़ी बातें-
सीतारमण ने आर्थिक सर्वे पेश करने के दौरान बताया कि वित्त वर्ष 2025 तक देश को 5 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए प्रति वर्ष आठ फीसदी की ग्रोथ हासिल करनी होगी। वित्तमंत्री ने कहा कि केंद्र में स्थिर सरकार बनने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में तेजी को बल मिलने की संभावना है।
सीतारमण ने कहा वित्त वर्ष 2018-19 में सामान्य वित्तीय घाटा 5.8 फीसदी रहा जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में 6.4 फीसदी था। आर्थिक सर्वे पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अगले पांच साल में औसत मुद्रास्फीति की दर पिछले पांच साल की तुलना में आधे से कम रही।

 


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