वित्त मंत्री ने पेश की भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका

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भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका पेश



नई दिल्ली, 04 जुलाई (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में देश की अर्थव्यवस्था की स्वास्थ्य रिपोर्ट यानी आर्थिक सर्वे गुरुवार को पेश किया। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरे कार्यकाल में साल 2025 तक देश को 5 लाख करोड़ (5 ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसे हासिल करने का खाका राज्यसभा में वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे के जरिए पेश किया। सीतारमण ने कहा कि भारत की सालाना विकास दर 8 फीसदी हासिल करना होगा। उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 के आर्थिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में देश के विकास की रफ्तार 7 फीसदी रहेगी।

दरअसल आर्थिक सर्वे बजट से ठीक पहले देश की आर्थिक दशा-दिशा की तस्वीर होती है। इस सर्वे में पिछले 12 महीने के दौरान देश में विकास का क्या ट्रेंड रहा और योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया, सर्वे में इसके बारे में विस्तार से बताया जाता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 में  देश की विकास दर 7 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया है।

पिछले वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)  की वृद्धि दर 5 साल के न्यूनतम स्तर 6.8 फीसदी रही थी। उन्होंने कहा कि 7 फीसदी ग्रोथ का मतलब है कि दुनिया में सबसे तेज गति से भारत आगे बढ़ता रहेगा। वैश्विक ग्रोथ  कम रहने की संभावना सर्वे में व्यक्त की गई है। हिन्दुस्थान समाचार आर्थिक सर्वे की प्रमुख बातों के बारे में बता रहा है।
देश की विकास की रफ्तार दर :-
वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 फीसदी पर थी। वित्त मंत्री ने सर्वे में आर्थिक वृद्धि के लिए अच्छी संभावनाओं की भविष्यवाणी की है। देश को वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 लाख करोड़ (5 ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को निरंतर 8 फीसदी पर रखने की जरूरत बताया।
राजकोषीय घाटा का अनुमान से ज्यादा :-
वित्त वर्ष 2018-19 में राजकोषीय घाटा 5.8 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया गया है, जो कि वित्त वर्ष 2017-18 में यह 6.4 फीसदी था। इसका संशोधित बजट अनुमान 3.4 फीसदी का था। राजकोषीय घाटा किसी देश की आय की तुलना में ज्यादा खर्च का अंतर होता है।
तेल की कीमतों में गिरावट का अनुमान :-
संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे 2018-19 में आने वाले दिनों में तेल कीमतों में गिरावट का अनुमान जताया गया है। सर्वे के अनुसार तेल कीमतों में वित्त वर्ष 2019-20 में गिरावट आएगी।
कितना हुआ टैक्स कलेक्शन :-
वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे के जरिए बताया कि डायरेक्ट टैक्स का कलेक्शन में 13.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन भी पहले से बेहतर हुआ है। हालांकि, इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बजट अनुमान की तुलना में 16 फीसदी की कमी आई है। इसकी वजह जीएसटी रेवेन्यू में गिरावट है।
वर्किंग फोर्स हर साल 97 लाख बढ़ने का अनुमान :-
आर्थिक सर्वे के मुताबिक कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या प्रत्येक साल करीब 97 लाख बढ़ने का अनुमान जताया है,  जबिक 2030 से कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की संख्या हर साल करीब 42 लाख बढ़ने का अनुमान है।
आने वाले जल संकट की ओर इशारा :-
सर्वे में भविष्य में जल संकट की ओर गंभीर इशारा किया गया है। साल 2050 तक भारत में पानी की कमी एक बड़ी समस्या होगी। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि सिंचाई जल पर तुरंत विचार-विमर्श करने की जरूरत है, ताकि कृषि का प्रोडक्शन बढ़ सके।
न्यूनतम मजदूरी की रूपरेखा की बात :-
आर्थिक सर्वे में देश में न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए एक रूपरेखा तय की गई है। सर्वे में कहा गया है कि बेहतर और प्रभावी न्यूनतम मजदूरी तय करने की प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा। ताकि निचले स्तर पर न्यूनतम मजदूरी को और बेहतर किया जा सके। सर्वे के अनुसार देश के ग्रामीण इलाकों में न्यूनतम मजदूरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है,  जबकि रोजगार दर 6.34 फीसदी रहा है।
जलवायु परिर्वतन पर भी सर्वे में चिंता :-
जलवायु परिर्वतन पर भी सरकार के प्रयासों के रूपरेखा की चर्चा आर्थिक सर्वे में की गई है। सर्वे में यह  कहा गया है कि भारत के साल 2020 तक 20-25 फीसदी तक कार्बन उत्सर्जन कम करने की घोषणा को देखते हुए क्लाइमेट चेंज ऐक्शन प्रोग्राम (सीसीएपी) को कुल 290 करोड़ रुपये की लागत से साल 2014 में लॉन्च किया गया था।
अनाज का उत्पादन :-
आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2018-19 में खाद्यान्न का उत्पादन 28.34 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया गया है। कृषि,  वानिकी और मत्स्यन में 2.9 फीसदी वृद्धि का अनुमान है।
आयात और निर्यात कितना :-
सर्वे में वित्त वर्ष 2018-19 में आयात 15.4 फीसदी,  जबकि निर्यात में 12.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया गया है।
विदेशी मुद्रा का भंडार :-
वित्त मंत्री सीतारमण ने आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार अभी सर्वोच्च स्तर पर है। विदेशी मुद्रा भंडार वित्त वर्ष 2018-19 में 412.9 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो कि लगातार बना हुआ है।

 


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