लॉस एंजेल्स, 18 जुलाई (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कांगो में ‘इबोला’ महामारी को जन स्वास्थ्य की दृष्टि से अन्तरराष्ट्रीय संकट बताया है। डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में इबोला से 1600 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ ने अभी तक सिर्फ़ चार बार जन स्वास्थ्य की दृष्टि से अन्तरराष्ट्रीय आपात की घोषणा की है। इससे पूर्व पश्चिमी अफ़्रीका में 2014 से 2016 में इबोला महामारी संकट से ग्यारह हज़ार लोग मारे गए थे। जेनेवा में डब्ल्यूएचओ के मुखिया टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने बुधवार को संवाद डाटा सम्मेलन में इबोला महामारी संकट की घोषणा की।
अन्तरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रॉस क्रीचेंट सोसायटी ने इस क़दम का स्वागत किया है। बताया गया है कि कांगो के दो बड़े राज्यों नारत कीवु और इटूरि इस महामारी की चपेट में हैं। दोनों राज्यों में 2500 लोग इस रोग की चपेट में हैं, जिनमें से एक तिहाई लीग मारे जा चुके हैं। यहां प्रतिदिन बारह नए मामले प्रकाश में आ रहे हैं।