नई दिल्ली, 03 अगस्त (हि.स.)। भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप मित्र देशों के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना अपने पूर्वी बेड़े की टास्क फोर्स दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में तैनात करेगी। यह विदेशी तैनाती दो महीने से अधिक समय तक रहेगी। भारतीय नौसेना समुद्री क्षेत्र में अपने जहाजों की तैनाती करके इंडो पैसिफिक क्षेत्र के बीच मौजूदा बंधनों को और मजबूत करना चाहती है। इस दौरान वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के साथ द्विपक्षीय अभ्यास करने का भी कार्यक्रम है।
भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का यह टास्क फोर्स दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में दो महीने से अधिक समय तक तैनात रहेगा। इस तैनाती का मकसद सामुद्रिक क्षेत्र में बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करना और भारत प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच मौजूदा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में मित्र देशों के साथ एकजुटता को रेखांकित करना है। जहाजों के इस टास्क फोर्स में नौसेना के गाइडेड मिसाइल विध्वंसक रणविजय, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट शिवालिक, एंटी-सबमरीन कार्वेट कदमत और गाइडेड मिसाइल कार्वेट कोरा शामिल रहेंगे। इसमें स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए तीन जहाज हथियारों और सेंसर से लैस हैं।
इंडो पैसिफिक में तैनाती के दौरान भारतीय जहाज वियतनामी पीपुल्स नेवी, रिपब्लिक ऑफ फिलीपींस नेवी, रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी, इंडोनेशियन नेवी और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी के साथ द्विपक्षीय अभ्यास में भाग लेंगे। इसके अलावा वे जापान मेरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स, रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के साथ बहुपक्षीय अभ्यास मालाबार -21 में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री की ‘सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फ़ॉर ऑल इन द रीजन-सागर’ पहल को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना मित्र देशों और भारतीय एवं प्रशांत महासागर क्षेत्र में नियमित तैनाती करती है।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार समुद्री क्षेत्र में इस तरह जहाजों की तैनाती से विभिन्न देशों के साथ ‘दोस्ती के पुल’ का निर्माण होने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सहयोग मजबूत होते हैं। इस समुद्री पहल से नौवहन की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर भारतीय नौसेना और मित्र देशों के बीच तालमेल और समन्वय को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। नियमित पोर्ट कॉल के अलावा भारतीय नौसेना का यह टास्क ग्रुप सैन्य संबंध बनाने और समुद्री अभियानों के संचालन में अंतर-संचालनीयता विकसित करने के लिए मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के साथ मिलकर काम करेगा।