ई-बीटबुक’ का कमाल, सुलझे 75 मामले, 105 बदमाश पहुंचे जेल

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नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स)। खुद को टॉप-कॉप कहने वाली दिल्ली पुलिस मामलों को सुलझाने के लिये ‘ई-बीटबुक’ की मदद ले रही है। इसके इस्तेमाल से पुलिस ने करीब 75 मामले सुलझाए हैं, जबकि इन मामलों में करीब 105 बदमाशों को जेल पहुंचाया है। दिल्ली के थानों के बीट ऑफिसर के पास मौजूद बदमाशों की इस डिजिटल कुंडली से मौका-ए-वारदात पर जाकर लिए गए फिंगरप्रिंट और अपराधी की डिजिटल डिटेल मिलती है। कहीं किसी संदिग्ध की फोटो लेकर सिस्टम में डालने से उसका पूरा आपराधिक ब्यौरा भी पुलिस के पास आ जाता है।

क्या है यह ई-बीटबुक

ई-बीटबुक एक वेब और मोबाइल आधारित एप्लीकेशन है, जो ठीक समय पर अपराध और अपराधियों से संबंधित जानकारी मुहैया कराता है। इससे न सिर्फ बदमाशों तक पुलिस का पहुंचना आसान हो जाता है, बल्कि नए अपराध और अपराधियों से जुड़ी नई सूचनाओं के अपडेशन से भविष्य में होने वाली वारदातों की जांच में भी उपलब्ध डाटा का विश्लेषण करने में मदद मिलती है।

यह मोबाइल की तरह का एक डिवाइस है। इसमें इलाके से जुड़ी सभी सूचनाएं मौजूद होती हैं। जैसे इलाके की डिटेल, इलाके के अपराधी, अपराध का पैटर्न, अस्पताल, क्लीनिक, बाजार, मोहल्ला, लैंडमार्क, एंट्री व एग्जिट प्वाइंट, क्षेत्र के बैंक, स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालय, पोस्ट ऑफिस, पूजा स्थल, अति संवेदनशील इमारतें, बाजार, होटल, रेस्टोरेंट के अलावा आरडब्लूए का संपर्क और इलाके के सीसीटीवी के बारे में भी जानकारी साथ उसके मालिक के फोन नंबर सहित अन्य सभी जरूरी सूचनाएं अपलोड होती हैं। इसके अलावा इसमें फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टत (एफआरएस) एवं बदमाशों के डोजियर (अपराधियों के रिकॉर्ड) का एक्सेस भी होता है।

फोटो डालते ही पता चला कि यह आरोपित है

राजधानी दिल्ली के वीआईपी तुगलक रोड इलाके में गत दो जुलाई को पुलिस ने दर्जनों आपराधिक मामलों को अंजाम देने वाले एक बदमाश को ई-बीट बुक के फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम के जरिए पकड़ा। दरअसल, आरोपित की गतिविधि को देख पुलिस को उस पर शक हुआ। इस पर उससे पूछताछ की तो वह अपना नाम-पता छिपाने का प्रयास कर रहा था। इस पर पुलिस ने उसके चेहरे को ई-बीट बुक के जरिए मैच कराया तो उसका भेद खुल गया। गिरफ्तार आरोपित गोपा उर्फ उप्पल मूल रूप से कोलकाता के खजूरीलाल का निवासी है। आरोपित पर दर्जनों आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप था।

हिस्ट्री शीटर बदमाश की हुई पहचान

ऐसे ही दिल्ली के जामिया नगर में पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक बाइक को रोक कर उसे वाहन के कागजात मांगे तो वह नहीं दिखा पाया। इसपर पुलिस ने ‘ई-बीटबुक’ सॉफ्टवेयर के जरिये बाइक चालक की पहचान करने की कोशिश की तो वह उसमें सफल हो गये। आरोपित बदमाश की डिजिटल कुंडली खुल गई और यह पता चला कि वह इलाके का एक कुख्यात अपराधी हिस्ट्री शीटर बदमाश है। गिरफ्तार आरोपित बाटला हाउस निवासी सुहैल अंसारी दक्षिण और दक्षिण पूर्व दिल्ली में कई वारदात को अंजाम दे चुका है।

क्या कहते हैं अपराध के आंकड़े

वर्ष ————————–आंकड़े

2021, 15 अगस्त तक—3246

2020 ———————-5413

2019————————5185


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