द्वारका/अहमदाबाद,19 जुलाई (हि.स.)। भारी बारिश के बीच मंगलवार को बिजली गिरने से क्षतिग्रस्त द्वारका के मंदिर का झंडा बदल कर 52 गज का नया भगवा झंडा फिर से लगा दिया है।
मंदिर पर बिजली गिरने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और ध्वज समिति ने ध्वज और खंभे के नुकसान का आकलन किया था। इसके बाद शनिवार से मंदिर के शिखर पर 15 अनुभवी कारीगरों ने मरम्मत कार्य किया शुरू किया था। इसके बाद मंदिर के शिखर पर पहला भगवा झंडा फहराया गया। मंदिर के शिखर पर नया भगवा झंडा लगने पर श्रद्धालुओं ने हर्ष व्यक्त किया।
द्वारकाधीश मंदिर के शिखर पर 52 गज का झंडा फहराने की परंपरा है। इस झंडे को लगवाने के लिए भक्त उत्साहित रहते हैं और उन्हीं के धन से झंडा लगाया जाता है। इस झंडे के लिए फिलहाल वर्ष 2023 तक के एडवांस बुकिंग हो चुकी है। नई बुकिंग फिलहाल बंद है। इसके अलावा मंदिर में नीचे भी एक झंडा फहराया जाता है। इस झंडे को दिन में पांच बार बदला जाता है। ऐसी मान्यता है कि द्वारकाधीश मंदिर के ऊपर फहराया गया झंडा सूर्य और चंद्रमा का प्रतीक है। और जब तक सूर्य और चंद्रमा रहेंगे तब तक द्वारकाधीश का नाम रहेगा। द्वारका मंदिर में सेवा और पूजा के प्रभारी गूगल कम्युनिटी के ट्रस्टी वात्सल्यभाई पुरोहित ने बताया कि अगले दो साल यानी साल 2023 तक झंडा फहराने की बुकिंग हो गई है। फिलहाल छह महीने से बुकिंग बंद है। बुकिंग फोन के जरिए भी की जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि द्वारकाधीश मंदिर हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। द्वारका हिंदू धर्म में चारधाम के तीर्थों में से एक की मान्यता है। द्वारका में द्वारकाधीश कृष्ण का मंदिर उस स्थान पर है, जहां हजारों साल पहले द्वापर युग में भगवान कृष्ण की राजधानी थी। इस मंदिर में ध्वजारोहण का विशेष महत्व है। इस ध्वज की विशेषता यह है कि हवा की दिशा जो भी हो, यह ध्वज हमेशा पश्चिम से पूर्व की ओर उड़ता है।