नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) ने सोमवार को समायोजन, पदोन्नति, पेंशन, फिजिकल एजुकेशन टीचर को रोस्टर में शामिल करने सहित अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उत्तरी परिसर स्थित कला संकाय भवन से कुलपति कार्यालय तक पैदल मार्च किया।
पैदल मार्च में हजारों शिक्षकों ने हिस्सा लेकर जमकर नारेबाजी कर अपना रोष प्रकट किया। कला संकाया से शुरू होकर मार्च रामजस कॉलेज के चौराहे, दौलतराम कॉलेज का चौराहा, श्रीराम कालेज आफ कामर्स का चौराहा पर बैठ कर नारेबाजी करते हुए कुलपति आवास तक पहुंचने के बाद वहां जाकर अपना रोष प्रकट किया।
शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष आलोक रंजन पांडेय ने कहा कि जो शिक्षक जहां तदर्थ के रूप में पढ़ा रहे हैं उन्हें उसी स्थान पर समायोजित किया जाए और पदोन्नति भी दी जाए। उन्होंने कहा कि कड़ाके की सर्दी में भी शिक्षक विरोध प्रदर्शन को मजबूर हैं। हमारी अहम मांग एडहोक शिक्षकों का समायोजन है। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे लगभग 5000 से अधिक शिक्षक अपनी स्थायी नियुक्ति को लेकर परेशान हैं जिसका हल वन टाइम रेगुलेशन लाकर एबजार्बशन के द्वारा ही संभव है। यह समायोजन केवल नौकरी न होकर उनके जीवन-यापन का सवाल बन गया है।
उन्होंने बताया कि शिक्षक मंगलवार को इसी मुद्दे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और जब तक सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं लेता हम झुकने वाले नहीं हैं।
रैली के बाद शिक्षकों ने मिरांडा हाउस, खालसा कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, हंसराज कॉलेज,हिंदू कॉलेज जाकर शिक्षकों से उतर पुस्तिका को मूल्यांकन नहीं करने का निवेदन किया। आज के धरने में पूर्व डूटा अध्यक्ष आदित्य नारायण मिश्रा, डूटा अध्यक्ष राजीव रे, संयुक्त सचिव प्रेमचंद, राजेश झा,ए.के.भागी, अमित सिंह,आभा देव आदि ने हिस्सा लिया