दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 15 अगस्त तक स्थगित किये ओपन बुक एग्जाम
नई दिल्ली, 08 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा है कि उसने 10 जुलाई से शुरू हो रहे ओपन बुक एग्जाम को स्थगित करने का फैसला किया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने आज दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच को बताया कि वो 15 अगस्त तक ओपन बुक एग्जाम स्थगित करेगी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने परीक्षा के मुद्दे पर अभी तक कोई सटीक फैसला न ले पाने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाई। हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा कि आप छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं। आज एनएसयूआई की ओर से ओपन बुक एग्जामिनेश के खिलाफ दायर एक याचिका जस्टिस जयंत नाथ की बेंच के समक्ष लिस्ट की गई थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के वकील ने कहा कि ऐसी ही याचिका जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच के समक्ष पहले से लंबित है। उसके बाद जस्टिस जयंत नाथ ने एनएसयूआई की याचिका को जस्टिस मुक्ता गुप्ता की बेंच को ट्रांसफर कर दिया।
कोर्ट ने पिछली 7 जुलाई को दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूछा था कि आपको इस बात का अंदाजा है कि छात्र किस मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। इस तरह आप उनसे परीक्षा की तैयारी की उम्मीद कैसे कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बताया था कि मॉक टेस्ट के दौरान 4 लाख 86 हजार पेपर्स डाउनलोड किए गए थे और कई छात्रों ने डाउनलोड करने की कोशिश की थी। उनमें से 4 लाख 68 हजार फाईल अपलोड किए गए थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बताया था कि फाइनल ईयर में दो लाख 45 हजार छात्र हैं, जिनमें से एक लाख 86 हजार छात्र दिल्ली के हैं जबकि 59 हजार दिल्ली के बाहर के हैं। अब तक एक लाख 58 हजार छात्रों ने आनलाइन परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
हाई कोर्ट ने पिछली 6 जुलाई को यूजीसी को दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत देश की सभी यूनिवर्सिटी के लिए एक स्पष्ट दिशा-निर्देश के साथ आने का निर्देश दिया था। हाई कोर्ट ने यूजीसी से पूछा था कि कोरोना के संकट के दौरान यूनिवर्सिटीज परीक्षाएं कराएंगी कि नहीं। पिछली 30 जून को हाई कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूछा था कि उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू की जाए। ओपन बुक एग्जाम 1 जुलाई से शुरू होने वाली थी लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इसे दस दिनों के लिए टाल दिया था।
लॉ स्टूडेंट प्रतीक शर्मा और दीक्षा सिंह ने दायर याचिका में कहा है कि लोग डॉन के दौरान सभी स्कूल और कॉलेज ऑनलाइन क्लास करा रहे हैं लेकिन दिव्यांग जनों खासकर दृष्टिबाधितों को उसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेज के लिए दिव्यांगों की जरूरतों का ध्यान नहीं दिया गया है। इससे उनका शिक्षण कार्य पूरे तरीके से प्रभावित हो गया है। याचिका में कहा गया है कि दिव्यांग छात्रों को क्लास से वंचित रखना शिक्षा के उनके अधिकार का उल्लंघन है। याचिका में ओपन बुक एग्जाम के अलावा लॉकडाउन के दौरान दिव्यांग छात्रों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने की मांग की गई है। सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि एक सेमेस्टर से दूसरे सेमेस्टर में प्रमोशन के लिए छात्रों को परीक्षा में बैठने पर जोर नहीं दिया जाएगा। ये परीक्षाएं तब आयोजित की जाएंगी जब स्थिति सामान्य हो जाएगी।