नई दिल्ली, 20 नवम्बर (हि.स.)। पुराने वाहनों के निस्तारण के लिए दिशानिर्देश संबंधी ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। आज इस बात की सूचना केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) को दी। मंत्रालय ने एनजीटी से कहा कि उसने पुराने वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल नए वाहनों में बदलने के लिए स्क्रैपिंग सेंटर बनाने संबंधी ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने कहा कि एनजीटी की ओर से गठित टास्क फोर्स मायापुरी के स्क्रैप मार्केट पर नजर रखे हुए हैं। ये टास्क फोर्स उनके औजार वाहनों को जब्त कर रही है, जो रोड पर ही पुराने वाहन निस्तारित कर रहे हैं।
ड्राफ्ट में स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं। स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए मानदंडों का पालन करने वालों को ही लाइसेंस दिया जाएगा। ये लाइसेंस दस साल के लिए मान्य होगा। स्क्रैप सेंटर चलाने वालों के पास छोटे वाहनों के लिए चार हजार वर्गमीटर और बड़े वाहनों के लिए आठ हजार वर्गमीट की जगह होनी चाहिए। इसके साथ उनके पास आवश्यक सुविधाएं भी होनी चाहिए। इन स्क्रैप सेंटर्स पर उन वाहनों की स्क्रैपिंग की अनुमति दी जाएगी, जिनके मूल आरसी का नवीकरण (रिन्यूअल) नहीं हुआ है। स्क्रैप की अनुमति उन वाहनों को भी दी जाएगी, जिन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं मिला है या जिन्हें जब्त करने का आदेश जारी किया जा चुका है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी ने एनजीटी को बताया कि उसने दिल्ली के औद्योगिक इलाकों में रात्रि-गश्त के लिए 16 टीमों का गठन किया है। ये टीमें रात में कचरे को जलाने या निस्तारित करने वालों पर नजर रख रही है।
पिछले 15 अप्रैल को एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बात को नोट किया था कि दिल्ली सरकार ने 40 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है, जिसमें 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहन हैं। इन वाहनों को दिल्ली के मायापुरी स्क्रैप मार्केट में डंप किया जा रहा है।
एनजीटी ने इस बात पर चिंता जताई थी कि प्रतिबंधित डीजल और पेट्रोल वाहनों के स्क्रैप के निस्तारण के लिए कोई नीति नहीं है। एनजीटी ने इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक संयुक्त कमेटी गठित करने का आदेश दिया था। इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पर्यावरण विभाग और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं।
एनजीटी ने पहले ही अपने आदेश में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। एनजीटी का यह आदेश एक अखबार में छपी खबर पर आया था। खबर में बताया गया था कि पुराने और प्रतिबंधित वाहनों के स्क्रैप के निस्तारण के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है। एनजीटी ने खबर में छपे उस फोटोग्राफ का जिक्र किया, जिसमें मायापुरी स्क्रैप मार्केट में बड़ी संख्या में डंप किए गए वाहनों की तस्वीर लगाई गई है। स्क्रैप की वजह से सड़कों से गुजरना मुश्किल हो गया है और घंटों वाहनों की लाइन लगी रहती है और इससे वायु प्रदूषण भी होता है।