सांसदों को फोन उपहार मामले में डीके शिवकुमार ने जांच एजेंसियों पर साधा निशाना

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शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने 3 सितम्बर को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था और वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में थे।



बेंगलुरु, 27 अक्टूबर (हि.स.)। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने रविवार को कुछ सांसदों को उपहार के तौर पर फोन भेंट करने के लिए जांच एजेंसियों पर जमकर निशाना साधा, जिसमें भाजपा के कुछ सांसद भी शामिल थे। शिवकुमार को प्रवर्तन निदेशालय ने 3 सितम्बर को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था और वह तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में थे। जमानत मिलने के बाद वह शनिवार को दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचे।
रविवार को पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवकुमार ने कहा कि सिंचाई मंत्री रहते मुझे कुछ मुद्दों से निपटना पड़ा। कुछ लोगों ने मुझे उन्हें कुछ नवीनतम मॉडल के फोन देने के लिए कहा, जो मैंने दिया। इस पर तुरंत मुझे आयकर विभाग से नोटिस मिला। नोटिस मिलने के बाद मैंने इसका खर्च व्यक्तिगत खाते से दिखाया। उन्होंने कहा कि तीन व्यक्तियों को छोड़कर अन्य सभी लोगों ने भेंट किया गया फोन स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने कहा कि फोन को लेकर जिन लोगों ने मेरे खिलाफ बयान दिया था, उन्हें भी नोटिस जारी किया जाना चाहिए। उन सभी लोगों को नोटिस दिया जाना चाहिए, जिन्होंने 50,000 रुपये से ऊपर के उपहार प्राप्त किए, लेकिन मैं उस मुद्दे को उठाना नहीं चाहता हूं? मैं उस स्तर पर नहीं जाना चाहता। पूर्व मंत्री ने कहा कि वह कड़ी निगरानी में थे और उनके हर कदम पर बारीकी से नजर रखी गई थी।
शिवकुमार ने कहा कि यह केवल एक मिसाल मात्र है कि कैसे मुझे प्रताड़ित किया गया। यह पिछले एक साल से चल रहा है। मुझे इसे उचित समय पर लोगों के संज्ञान में लाना होगा। शिवकुमार ने दावा किया कि उन्होंने कभी कोई गलत कार्य नहीं किया और आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई माह में जल संसाधन मंत्री रहते डीके शिवकुमार ने नई दिल्ली में कावेरी मुद्दे पर एक बैठक के दौरान 38 सांसदों को एक लाख रुपये मूल्य के आईफोन गिफ्ट में दिए थे। 26 लोकसभा सांसदों और 12 राज्यसभा सदस्यों को यह फोन दिये गये। सांसदों में बीएस येदियुरप्पा और बी श्रीरामुलु शामिल नहीं थे। सांसदों को 5 हजार रुपये कीमत का लेदर बैग भी दिया गया। हालांकि भाजपा के कई सांसदों ने यह सब लेने से मना कर दिया था।

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