लखनऊ, 26 दिसम्बर (हि.स.)। युवाओं की प्रतिभा को निखारने और उन्हें विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर अपने विचारों को रखने का एक बेहतरीन मंच प्रदान करने का सराहनीय कार्य नेहरू युवा केंद्र द्वारा किया जा रहा है। इसी सोच के साथ राष्ट्रीय युवा संसद जैसी प्रतियोगिता आयोजित करने का खाका तैयार किया गया है, जिसमें कोविड और राष्ट्रीय शिक्षा नीति समेत अन्य विषयों पर उनकी राय जानने की कोशिश होगी ।
राष्ट्रीय युवा संसद तक पहुंचने के लिए हर जिले के नेहरू युवा केंद्र और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) से जुड़े युवाओं की प्रतिभा को परखा जाता है, जिले से जो दो प्रतिभागी अव्वल रहते हैं उन्हें राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलता है। राज्य स्तर पर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर चयनित युवा ही राष्ट्रीय युवा संसद में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी क्रम में 28 दिसम्बर को लखनऊ, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई और उन्नाव के प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। इस कार्यक्रम को सुबह साढ़े नौ बजे से ऑनलाइन आयोजित किया जाएगा।
लखनऊ नेहरू युवा केन्द्र की जिला युवा अधिकारी पुष्पा सिंह के मुताबिक प्रतियोगिता में वही युवा भाग ले सकते हैं जो गत 30 नवम्बर को 18 से 25 साल की उम्र के बीच के हैं। इच्छुक युवाओं को निर्धारित फार्म को अपने जिले के एनएसएस समन्वयक या नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी से सत्यापित कराकर सम्बन्धित नेहरू युवा केंद्र पर जमा करना होगा। आवेदन के साथ आयु एवं निवास प्रमाण पत्र भी देना होगा।
28 दिसम्बर को आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई और उन्नाव के जो दो-दो प्रतिभागी चुने जायेंगे वह एक से पांच जनवरी 2021 के बीच होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में प्रदेश के अन्य जिलों से चयनित युवाओं को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिलेगा। राज्य स्तरीय संसद में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले प्रतिभागी 12-13 जनवरी 2021 को संसद भवन के सेन्ट्रल हाल आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तरीय युवा संसद महोत्सव में प्रत्यक्ष रूप से प्रतिभाग करेंगे।
चार मिनट मिलेंगे अपनी बात रखने को
प्रतियोगिता के लिए चार विषय तय किये गए हैं, जिसमें पहला है- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत में शिक्षा का परिवर्तन करेगी, दूसरा है-उन्नत भारत अभियान-समुदायों की ऊर्जा को उन्मुख करना तथा प्रौद्योगिकी के प्रयोग से उनका उत्थान करना, तीसरा है-नया कोविड सामान्य के चलते ग्रामीण अर्थव्यवस्था को खोलना और चौथा है- शून्य बजट प्राकृतिक खेती किसानों के लिए वरदान है।
इन विषयों में से किसी एक पर हिन्दी या अंग्रेजी में अपनी बात रखने को हर प्रतिभागी को चार मिनट का समय मिलेगा। प्रतिभागियों का मूल्यांकन जिन प्रमुख बिन्दुओं के आधार पर होगा, उनमें स्पष्ट वक्तता, वैचारिक स्पष्टता, विषय का ज्ञान और भाव भंगिमा शामिल हैं। इसके आधार पर निर्णायकों द्वारा लिए गए फैसले को अंतिम माना जाएगा।