लखनऊ, 18 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य के गठन के साथ ही परिसम्पत्तियों को लेकर पनपे विवाद करीब-करीब सुलझ गये हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को दो दिवसीय लखनऊ दौरे पर आए। उन्होंने गुरुवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। आधे घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में दोनों राज्यों के बीच के उलझे मसलों को रखा गया। शासन के अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे। विस्तृत चर्चा के बाद दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में करीब 95 फीसदी मामले सुलझ गये हैं। जमीन के मसले पर सर्वे कराने का निर्णय लिया गया है। सर्वे के बाद जमीन का भी बंटवारा हो जाएगा। वहीं न्यायालय में लंबित सभी प्रकरण वापस लिए जाने पर भी दोनों राज्यों के बीच सहमति बन गयी है।
मुख्यमंत्री योगी से मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि आज का दिन मेरे लिए और दोनों राज्यों के लिए बहुत ही ऐतिहासिक है। पिछले कई वर्षों से दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला उलझा हुआ था। उसको लेकर लगातार बात चलती रही थी। उसका निस्तारण आज हो पाया है। इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड की जनता की तरफ से और अपनी तरफ से धन्यवाद करना चाहता हूं। धामी ने बताया कि आज मुख्यमंत्री योगी के साथ बहुत ही अच्छी एवं सकारात्मक बैठक हुई। उसमें सारे प्रकरण रखे गए। उन सभी पर सहमति बन गयी है। सबका निस्तारण हो गया है।
इन मुद्दों पर बनी सहमति
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 मकान का दोनों राज्यों के बीच बंटवारा नहीं हो पा रहा था। दोनों मुद्दों पर आज सहमति बन गई है। इसके तहत अब 15 दिन के अंदर दोनों राज्यों की एक बैठक होगी। सर्वे होगा। सर्वे के आधार पर उत्तर प्रदेश को जितनी भूमि की जरूरत होगी, वह उत्तर प्रदेश को मिल जाएगी। बाकी मकान और जमीन उत्तराखंड के पास रहेंगे। भारत नेपाल सीमा पर चंपावत जिले में बैराज है। वह बहुत पुराना हो गया है। बैराज का पुनः निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही किच्छा का बैराज आपदा में क्षतिग्रस्त हो गया था। वह भी बनाया जाएगा। परिवहन निगम उत्तर प्रदेश के द्वारा 205 करोड़ रुपये की धनराशि उत्तराखंड को भुगतान की जाएगी। आवास विभाग की जो परिसंपत्तियां हैं, उनमें देनदारी और परिसंपत्तियों को 50- 50 प्रतिशत के आधार पर दोनों राज्यों में बराबर बंटवारा हो जाएगा।
एक माह के भीतर उत्तराखंड का होगा होटल अलकनंदा
एक माह के भीतर हरिद्वार के अलकनंदा होटल को उत्तराखंड को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। इसको लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही थी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ उत्तराखंड सरकार से इस बात को लेकर चर्चा कर चुके हैं। किच्छा में बस स्टैंड की भूमि है। उस पर भी आज फैसला हुआ है। यह भूमि भी तत्काल उत्तराखंड को हस्तांतरित कर दी जाएगी। वन विभाग के अंतर्गत 90 करोड़ के अवशेष का भुगतान उत्तर प्रदेश द्वारा किया जाएगा। इसके साथ-साथ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार के न्यायालयों में जो वाद हैं, वह वापस ले लिए जाएंगे। आपसी सहमति के आधार पर सभी का निस्तारण आज हो गया है।
आम आदमी पार्टी समेत पूरे विपक्ष पर कटाक्ष
आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड में सरकार बनाने के दावे के सवाल पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल तक कोई भी दल दिखाई नहीं दे रहा था। उत्तराखंड में केवल भाजपा और सरकार ने ही पूरी सक्रीयता से काम किया है। चुनाव आने वाला है। सारे दल उत्तराखंड पहुंच गये हैं। रही बात हमारी प्राथमिकता की तो हमारे लिए चुनाव से भी ज्यादा प्राथमिकता विकास कार्य हैं, राज्य में चल रही योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने की है। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है, उसका लोकार्पण कराने की। उसी दिशा में हम काम कर रहे हैं।