नई दिल्ली, 24 सितंबर (हि.स.)। कोविड-19 संकट के दौरान अर्थव्यवस्था और सरकार के लिए राहत देने वाली खबर मिली है। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 22 सितंबर के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 74.4 फीसदी बढ़कर 5.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि सकल कर संग्रह भी वित्त वर्ष 2021-22 की आलोच्य अवधि में 47 फीसदी बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि टैक्स रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 5,70,568 करोड़ रुपये रहा। इसमें कंपनी कर 3.02 लाख करोड़ रुपये, और व्यक्तिगत आयकर 2.67 लाख करोड़ रुपये शामिल है। चालू वित्त वर्ष में शुद्ध कर संग्रह (एक अप्रैल से 22 सितंबर) 2019-20 की इसी अवधि के मुकाबले 27 फीसदी बढ़ा है, जबकि उस वक्त शुद्ध कर संग्रह 4.48 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में (अप्रैल-22 सितंबर) इसी अवधि में शुद्ध कर संग्रह 3.27 लाख करोड़ रुपये रहा था।
मंत्रालय के मुताबिक सकल कर संग्रह भी वित्त वर्ष 2021-22 की आलोच्य अवधि में 47 फीसदी बढ़कर 6.45 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 में 4.39 लाख करोड़ रुपये था। 2019-20 (एक अप्रैल से 22 सितंबर) के 5.53 लाख करोड़ रुपये सकल संग्रह के मुकाबले यह 16.75 फीसदी ज्यादा है। इसके साथ ही सकल कंपनी कर संग्रह 3.58 लाख करोड़ रुपये तथा व्यक्तिगत आयकर संग्रह 2.86 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अब तक 75,111 करोड़ रुपये करदाताओं को रिफंड दिया गया।