गाजियाबाद, 04 जनवरी (हि.स.)। मुरादनगर के उखरालसी श्मशान घाट हादसे के मृतक आश्रितों ने मुआवजा राशि 10 लाख रुपये करने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने के आश्वासन पर 8 घंटे बाद जाम खोल दिया। सोमवार को आधा दर्जन शवों के साथ इनके परिजनों ने दिल्ली-मेरठ हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। लगभग दस किमी लम्बा जाम लगने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया।
मुरादनगर थाना क्षेत्र स्थित उखलारसी गांव के श्मशान घाट की छत का लेन्टर रविवार को उस समय गिर गया था जब एक फल विक्रेता का अंतिम संस्कार चल रहा था। उसी समय बारिश से बचने के लिए काफी लोग हाल ही में निर्मित गलियारे में खड़े हो गए थे। इस हादसे में लगभग 25 लोग मारे गये और दो दर्जन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये थे। घायलों को विभिन्न अस्पतालो में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। आज सुबह दिल्ली-मेरठ रोड पर मुरादनगर थाने के समीप आधा दर्जन शवों को रखकर परिजनों ने जाम लगा दिया।
मेरठ मंडल की कमिशनर अनीता सी मेश्राम, एडीजी प्रवीण कुमार, जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पाण्डे व एसएसपी कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंच गये और प्रदर्शनकारियों से जाम खोलने के लिए कहा लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। इनकी मांग मुआवजा राशि बढ़ाने व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की थी। जाम लगाने वालों का कहना था कि पहले उनकी मांगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष रखा जाये या मुख्यमंत्री स्वयं घटनास्थल पर आएं, तभी जाम खोला जायेगा।
लगभग आठ घन्टे बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को बताया कि दस लाख रुपये मुआवजा देने की मांग शासन ने स्वीकार कर ली है और शेष मांगें शासन को भेज दी गयी हैं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जाम खोल दिया। जाम को देखते हुए रूट डायवर्जन भी किया गया। जिलाधिकारी डॉ. अजयशंकर पाण्डे ने बताया कि सभी शवों का अन्तिम संस्कार आज उनके परिजनों और रिश्तेदारों ने कर दिया है।