भारतीय सेना के दो अधिकारियों को मिला देश का सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान

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स्काइडाइविंग के लिए सम्मानित किये गए लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश धडवाल

 कर्नल अमित बिष्ट को उनकी भूमि गतिविधियों के लिए सेना पदक मिला



नई दिल्ली, 06 नवंबर (हि.स.)। भारतीय सेना के दो अधिकारियों लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश धडवाल और कर्नल अमित बिष्ट को केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने प्रतिष्ठित तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है। धडवाल को उनकी स्काइडाइविंग गतिविधियों के लिए सम्मानित किया गया है और कर्नल अमित बिष्ट को उनकी भूमि गतिविधियों के लिए सेना पदक मिला है।

कर्नल अमित बिष्ट नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात हैं। उन्होंने भारत और विदेशों में 20 से अधिक कठिन चोटियों पर चढ़ाई की है। उन्होंने पृथ्वी के सबसे ऊंचे पर्वत ‘माउंट एवरेस्ट’ को भी फतह किया है। पहले राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार के रूप में दिए जाने वाले सम्मान का नाम बदलकर तेनजिंग नोर्गे के नाम पर रखा गया है, जो 1953 में एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने वाले पहले व्यक्तियों में से एक थे। यह भारत का अत्यधिक प्रतिष्ठित सर्वोच्च साहसिक खेल सम्मान है। यह पुरस्कार हर साल युवा मामलों और खेल मंत्रालय उन व्यक्तियों को देता है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में भूमि, समुद्र और वायु पर साहसिक गतिविधियों के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल की हो।

लेफ्टिनेंट कर्नल सर्वेश धडवाल स्काइडाइविंग इंस्ट्रक्टर हैं। वह मुंबई हमलों के बाद गठित शीर्ष गुप्त खुफिया इकाई के तकनीकी सहायता प्रभाग में भी रहे हैं। मौजूदा समय में धडवाल भारतीय सेना की स्काइडाइविंग टीम के मुख्य प्रशिक्षक हैं। उन्होंने भारतीय सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के विशेष बलों को भी स्काइडाइविंग का प्रशिक्षण दिया है। 2008 से वह 7,000 से अधिक स्काइडाइव और 850 से अधिक कर्मचारियों को 35 बुनियादी और पुनश्चर्या स्काइडाइविंग पाठ्यक्रम प्रशिक्षण दे चुके हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में 5,000 से अधिक स्काइडाइविंग प्रशिक्षण दिए हैं। इस दौरान उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूटिंग एसोसिएशन से विभिन्न प्रमाणपत्र और लाइसेंस मिले हैं।


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