लखनऊ, 03 जनवरी (हि.स.)। भ्रष्टाचार को लेकर अपने महकमे के अधिकारियों पर ही आरोप लगाने वाले गौतमबुद्धनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण पुलिस महकमे के मुखिया के निशाने पर आ गए हैं। पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि वैभव कृष्ण ने गोपनीय पत्र वायरल करके सर्विल रूल के खिलाफ कार्य किया है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि एसएसपी वैभव कृष्ण ने एक गोपनीय पत्र शासन को लिखा था। यह पत्र शासन से डीजीपी मुख्यालय को भेजा गया। इसमें कुछ अधिकारियों पर वैभव कृष्ण ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसकी जांच मेरठ एडीजी को सौंपी गई थी। डीजीपी ने कहा कि इस मामले में जांच अभी जारी थी लेकिन इसी दौरान यह पत्र वायरल हो गया। हमारा मानना है कि एसएसपी गौतमबुद्धनगर ने ही यह पत्र वायरल किया है, इसलिए आईजी मेरठ से एसएसपी वैभव कृष्ण से पत्र वायरल करने का कारण पूछने और उनसे जवाब तलब करने को कहा गया है। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि गोपनीय दस्तावेज वायरल करना गैरकानूनी और सर्विस रूल के खिलाफ है।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो भी वायरल किया गया था। इसकी जांच मेरठ रेंज के एडीजी आलोक सिंह की निगरानी में हापुड़ के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन को सौंपी गई है। इस प्रकरण को लेकर एसएसपी वैभव कृष्ण की ओर से सेक्टर 20 थाने में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
दरअसल गौतमबुद्धनगर के एसएसपी वैभव कृष्ण से जुड़ा मामला अब उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अफसरों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़ा रुख अपनाने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी से रिपोर्ट तलब की है। आईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी वायरल वीडियो में छेड़छाड़ की सम्भावना जताकर प्रथम दृष्टया फर्जी मान रहे हैं। उनका कहना है कि जांच के बाद वास्तविक तथ्य सामने आ जाएंगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक उन्होंने कथित पत्रकारों उदित गोयल, सुशील पंडित व चंदन राय को जेल भेजा था। लखनऊ के नितीश शुक्ला के खिलाफ भी इस मामले को लेकर कार्रवाई हुई थी। चंदन राय की आईपीएस अधिकारियों पुलिस अधीक्षक रामपुर अजयपाल शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद सुधीर सिंह, पुलिस अधीक्षक सुलतानपुर हिमांशु कुमार, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुशीनगर राजीव नारायण मिश्रा और पुलिस अधीक्षक बांदा गणेश साहा के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर की गई बातचीत व वाट्सएप चैटिंग जांच में सामने आई थी।
वैभव कृष्ण के मुताबिक इसके बाद से उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जाने लगा और फर्जी वीडियो वायरल करके उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई। ये तीनों वीडियो क्लिप फेक हैं और इसमें उनकी तस्वीर एडिट करके डाली गई है।