नेपाल : देउबा सरकार ने ओली के दौर में नियुक्त दूतों को वापस बुलाया
काठमांडू, 22 सितम्बर (हि.स.)। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नेपाल सरकार ने पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली के दौर में नियुक्त 12 देशों के राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया है, जिसमें भारतीय दूत नीलांबर आचार्य भी शामिल हैं।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस निर्णय के साथ 33 में से नेपाल के विदेशों में 23 राजनयिक मिशन अगले तीन सप्ताह से एक महीने तक खाली रहेंगे। 11 मिशन लंबे समय से बिना नेतृत्व के हैं।
कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में आज ओली सरकार के दौर में राजनीतिक कोटे के तहत नियुक्त राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया गया। जिन लोगों को करियर राजनयिक नियुक्त किया गया है, वे लोग अपनी ड्यूटी जारी करेंगे।
इस निर्णय का अर्थ है कि कुछ प्रमुख देशों में नेपाल के राजदूत नहीं होंगे, जिनके साथ भारत, चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित बहुत करीबी कामकाजी संबंध हैं।
आचार्य के अलावा महेंद्र बहादुर पांडे, युवराज खातीवाड़ा और लोक दर्शन रेग्मी, जो क्रमशः बीजिंग, वाशिंगटन डीसी और लंदन में सेवारत हैं, को अब देउबा सरकार के नए निर्णय के अनुसार वापस आना होगा। आचार्य को फरवरी 2019 में दिल्ली मिशन का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था।
इससे पहले 18 जुलाई को नई सरकार बनने के पांच दिन बाद देउबा के मंत्रिमंडल ने विभिन्न देशों में राजदूत के रूप में ओली सरकार द्वारा की गई 11 सिफारिशों को रद्द कर दिया था।
नेपाल में सालों से राजदूत सहित विभिन्न नियुक्तियों को राजनीतिक हितों द्वारा निर्देशित किया गया है और लोग पार्टियों के प्रति अपनी आत्मीयता के आधार पर ऐसे पद प्राप्त करने का प्रबंधन करते हैं।