ऐतिहासिक शांतिनिकेतन यूनिवर्सिटी में तोड़फोड़, कई विरासत बर्बाद
बीरभूम, 17 अगस्त (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित ऐतिहासिक शांतिनिकेतन विश्वविद्यालय में सोमवार को जबरदस्त तोड़फोड़ हुआ है। कई विरासती संरचनाओं को भी नुकसान पहुंचा है।
सूत्रों के अनुसार शांतिनिकेतन में अदालत के निर्देश पर शांतिनिकेतन ट्रस्ट तथा विश्वभारती प्रबंधन की ओर से खेल के मैदान को दीवार से घेरने को लेकर सोमवार सुबह से ही अशांति शुरू हो गया था। स्थानीय लोगों ने इसका घोर विरोध किया है। जमकर तोड़फोड़ मचाई तथा नवनिर्मित दीवारों को गिरा दिया। बताते चलें कि पर्यावरण प्रदूषण को लेकर अदालत ने पौष मेले के आयोजन पर रोक लगा दी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मैदान में प्रतिवर्ष पौष मेला लगता है। इससे उनकी जीविका जुड़ी हुई है।शांतिनिकेतन में करीब 100 बीघा जमीन खुली हुई थी, जहां किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं थी। इस ग्राउंड पर मेला लगता था। उसके आसपास परिसर के निर्माण के लिए 61 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। स्थानीय लोग ग्राउंड का इस्तेमाल सुबह की सैर के लिए करते हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई ऐतिहासिक ढांचे तोड़ दिए जबकि निर्माण स्थल पर ईंट और सीमेंट को उठाकर फेंक दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि विश्वभारती यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पिछले सप्ताह एक दीवार का निर्माण शुरू कराया था जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पास में खड़ी जेसीबी मशीन को भी नुकसान पहुंचाया है। अभी तक जितनी दीवार बनकर तैयार हुई थी, उसे स्थानीय लोगों ने गिरा दिया है। यूनिवर्सिटी परिसर में हजारों स्थानीय लोग इकट्ठे हो गए और कई ऐतिहासिक ढांचों को तोड़ दिया। दीवार के निर्माण के लिए रखे ईंट और सीमेंट को उठाकर फेंक दिया। इस दीवार का निर्माण यूनिवर्सिटी परिसर में बाहर से आने वाले लोगों को रोकने के लिए किया जा रहा है।