बिहार में भी खुले फॉरेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी

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बेगूसराय, 26 जून (हि.स.)। बेगूसराय समेत बिहार के कई हिस्सों में फोर लेन सड़क निर्माण एवं सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ों की तेजी से हो रही कटाई को लेकर पर्यावरण प्रेमियों ने चिंता जताई है।

पर्यावरण संरक्षण को लेकर वर्षों से लोगों के बीच जागरुकता फैला रहे एक समूह के युवाओं ने सरकार से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट,भोपाल की तर्ज पर बिहार में भी फॉरेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी खोलने की मांग की है।

प्रत्येक रविवार को साइकिल पर सवार होकर पर्यावरण का अलख जगा रहे नितेश रंजन, राजेश कुमार, विजय प्रकाश, गणेश गुणवंत, राजीव कुमार ओमी, संदीप कुमार, मनीष कुमार एवं गुलशन कुमार ने कहा कि लगातार बढ़ रहा प्रदूषण स्तर खतरनाक है। ऐसी परिस्थिति में पेड़ों की भारी कमी और सड़क पर गाड़ियों की बढ़ती संख्या ने पर्यावरण संतुलन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।

लगातार बढ़ रही गर्मी प्रत्यक्ष प्रमाण है कि प्रदूषण नियंत्रण और पानी बचाने की सोच वैज्ञानिक के भरोसे छोड़ देने के कारण इंसान ही नहीं हर सजीव परेशान है। सरकारें पेड़ लगाती हैं लेकिन न तो उसका समुचित संरक्षण किया जा रहा है और ना ही प्रदूषण नियंत्रण के ठोस उपाय किए जा रहे हैं। बिहार सरकार व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगवाए।

साथ ही बिहार के कॉलेजों में फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स शुरू कर पेड़ों के संरक्षण की खातिर मानव संसाधन तैयार करें। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट भोपाल की तर्ज पर फॉरेस्ट मैनेजमेंट एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी खोला जाए जिससे लोगों में जागरुकता बढ़ेगी और पढ़ने वाले छात्र खुद सजग व सतर्क होने के साथ लोगों को भी प्रेरित करेंगे।

 


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