दिल्ली हिंसा के मामले में अब तक 84 गिरफ्तार, 38 दर्ज हुईं एफआईआर
नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक करीब 84 लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि उक्त मामले 38 एफआईआर दर्ज हो चुकी है। इसके साथ ही क्राइम ब्रांच ने 12 किसान नेताओं को नोटिस देकर ऑफिस आने के लिये कहा है। इन किसान नेताओं से क्राइम ब्रांच एक-एक करके पूछताछ करेगी। पुलिस की माने तो अभी पुलिस 60 लोगों से पूछताछ कर रही है, जो हिंसा के दौरान घटना स्थल पर मौजूद थे और करीब 30 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
डेढ़ हजार से ज्यादा सीसीटीवी फुटे मिली पुलिस को
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गणतंत्र दिवस पर हिंसा के मामले में पुलिस ने प्रेस व जनता से अपील की थी कि वह हिंसा से जुडे वीडियों, फोटो व अन्य साक्ष्य पुलिस को दे। पुलिस को अभी तक 1800 से ज्यादा फुटेज मिली है। जिसे पुलिस जांच कर आरोपितों की पहचान कर रही है। इसके साथ ही पुलिस की कुछ टीमें पहचान अलग जगहों पर दबिश दे रही है।
तेजी से जांच कर रही है क्राइम ब्रांच
गणतंत्र दिवस के दिन आईटीओ समेत अन्य जगहों पर हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच की रफ्तार तेज कर दी है। क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त बी के सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि लाल किले व आईटीओ पर हुई हिंसा से जुड़े नौ मामलों की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। क्राइम ब्रांच की टीम मोबाइल फोन कॉल के डंप डाटा और ट्रैक्टरों की रजिस्ट्रेशन संख्या की भी जांच की जा रही है। इसके साथ ही नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की एक टीम को हिंसा से जुड़े वीडियो क्लिप और सीसीटीवी फुटेज का एनालिसिस करने के लिए बुलाया गया है ताकि ट्रैक्टर परेड हिंसा के आरोपितों को गिरफ्तार किया जा सके। आगे उन्होंने कहा कि लाल किला हिंसा मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने हिंसा के मामले में छह आरोपितों की पहचान की है। जिन पर पहले से ही पंजाब में केस दर्ज हैं। यह पहले भी स्थानीय पुलिस द्वारा गिरफ्तार हो चुके हैं।
एक हजार से ज्यादा लोगों ने जबरदस्ती लाल किला में किया प्रवेश
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि गणतंत्र दिवस के दिन करीब 40 से 50 ट्रैक्टर पर मौजूद एक हजार से ज्यादा लोगों ने जबरदस्ती लाल किले के अंदर प्रवेश किया था और वहां जमकर उत्पात मचाया था। पुलिसकर्मियों से उनके हथियार छीनने की भी कोशिश की गई थी। जिसे लेकर थाना कोतवाली में एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं सबसे ज्यादा 142 पुलिसकर्मी कोतवाली थाने के ही घायल हुए थे। पुलिस सूत्रों की माने तो उक्त मामले की जांच में पता चला है कि हिंसा मामले में शामिल पंजाब से ताल्लुक रखने वाले पांच से छह आरोपित आदतन अपराधी हैं और उनके ऊपर हत्या सहित कई केस पहले से ही दर्ज है।