नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या के मामले में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। चार्जशीट 1100 पेजों की है। पुलिस ने रतनलाल की हत्या के मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।
एसआईटी ने सबूत के तौर पर सीसीटीवी और मोबाइल फुटेज और मौके पर मौजूद चश्मदीद गवाहों और पुलिसकर्मियों के बयान को शामिल किया है। इस मामले में 60 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। चार्जशीट में कहा गया कि दिल्ली हिंसा से पहले 22 फरवरी को 40-50 उपद्रवियों के ग्रुप की एक घर के बेसमेंट में मीटिंग हुई थी, जिसमें हिंसा की साजिश रची गई। साजिश रचनेवालों में सलीम खान, सलीम मुन्ना, शादाब समेत पांच मुख्य आरोपित थे। योजना के तहत हिंसा के पहले आसपास के सीसीटीवी तोड़ दिए गए थे।
चार्जशीट में कहा कि दंगाई बच्चों और बुजुर्गों को घर में रहने की नसीहत देकर सड़कों पर निकले थे। चार्जशीट में कहा गया कि 23 फरवरी को हंगामे के बाद वह वापस लौट गए, लेकिन फिर 24 फरवरी को एक बार उपद्रवी सड़कों पर निकलकर उत्पात मचाने लगे। इस हमले में शाहदरा के डीसीपी, गोकलपुरी के एसीपी अनुज कमार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने पास ही के मोहन नर्सिंग होम पर भी हमला किया। मोहन नर्सिंग होम में पुलिसवाले भर्ती थे। इसी हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी।
इसके बाद दंगाईयों ने सप्तऋषि नामक इमारत पर कब्जा कर लिया और वहां से पथराव और फायरिंग करने लगे। इसी बीच एक दंगाई शाहिद की भी गोली लगने से मौत हो गई। शाहिद की हत्या के मामले में भी छह आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है।