दिल्ली में स्कूलों को खोलने से पहले चलाया गया प्रशिक्षण सत्र, सिसोदिया भी रहे उपस्थित

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नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि. स.)। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बाद दोबारा स्कूल खोलने की तैयारी जोरो पर है। इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के साथ एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया ।

उपमुख्यमंत्री सिसोदिया प्रधानाचार्यों से इस मुलाकात के बाद खासे उत्साही दिखे। उन्होंने इस कार्यक्रम की जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा करते हुए लिखा कि ”दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोलने से पहले एक प्रशिक्षण सत्र के दौरान दक्षिण पूर्व जिले के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों से काफी सार्थक बातचीत हुई। यह देखकर खुशी हुई कि हमारे प्रधानाध्यापक न केवल शैक्षणिक अंतर को पाटने के लिए तैयार हैं, बल्कि स्कूल लौटने पर छात्रों की भावनात्मक भलाई सुनिश्चित करने के लिए भी तैयार हैं।”

इस कार्यक्रम के दौरान सिसोदिया ने प्रधानाचार्यों के सवालों के जवाब भी दिए। साथ ही प्रधानाचार्यों के मन में उपज रहे सभी द्वंद्व को भी खत्म किया और प्रधानाचार्यों के साथ बातचीत मुलाकात की। हालांकि कार्यक्रम में आये ज्यादातर शिक्षक इस बात से सहमत दिखे कि सुरक्षा के सभी के मापदंडों को पूरा करने के साथ स्कूल खोलने की प्रक्रिया को शुरू करना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 9 अगस्त से दिल्ली में कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए आंशिक रूप से स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, छात्र प्रवेश संबंधी कार्य या परामर्श के लिए अपने स्कूल जा सकेंगे। आगे की स्थिति को देखते हुए सरकार भविष्य के निर्णय लेगी। यह निर्णय दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक में परामर्श के बाद लिया गया है। इस बैठक में खुद उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी उपस्थित थे।

सिसोदिया का मानना है कि पिछले साल भर में स्कूल बंद होने के कारण पहले ही शिक्षा का काफी नुकसान हुआ है। सरकार ने स्कूल खोलने के लिए अभिभावकों से सुझाव मांगे थे। जिसपर 35,000 से अधिक सुझाव मिले थे । जिसमें ज्यादातर अभिभावकों का मानना था कि बच्चों की प्राथमिकता के साथ स्कूल खोले जाएं तो उन्हें कोई समस्या नहीं है।


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