नई दिल्ली, 15 जुलाई (हि.स.)। आम आदमी पार्टी (आप) की दिल्ली सरकार ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मैथिली को वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाए जाने की बात कही है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि दिल्ली के स्कूलों में मैथिली को भी वैकल्पिक विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा, जैसे उर्दू और पंजाबी पढ़ाई जाती है।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली सरकार की मैथिली भोजपुरी अकादमी ने इस दिशा में कई फैसले लिए हैं। अकादमी, मैथिली को एक विषय के रूप में चुनने वाले छात्रों के लिए सिविल सेवा परीक्षा कोचिंग केंद्र चलाएगी। इसके अलावा सरकार कंप्यूटर सीखने के लिए मैथिली का कंप्यूटर फॉन्ट भी तैयार करवाएगी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि एक पत्रकार या साहित्यकार के रूप में मैथिली या भोजपुरी संस्कृति में उल्लेखनीय योगदान देने वालों के लिए कोई पुरस्कार नहीं था। लेकिन अब दिल्ली सरकार 12 लाख पुरस्कारों के साथ इन पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करेगी। दोनों भाषाओं में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ के लिए सरकार दो लाख 50 हजार रुपये देगी। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में नवंबर में पांच दिनों का कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मैथली को भी शामिल किया जाएगा। इससे पहले जो कार्यक्रम होते थे, उनमें उर्दू, संस्कृत और पंजाबी को ही शामिल किया जाता था।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजपुरी भाषा को देश की आठवीं सूची में शामिल नहीं किया गया है। संविधान की सूची में नहीं होने के कारण भोजपुरी को सीबीएसई के पाठ्यक्रम में भी शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान की सूची में नहीं होने के कारण कोई संसद में शपथ भी भोजपुरी में नहीं ले सकता। ऐसे में मैथली भोजपुरी अकादमी के तरफ से वो केंद्र सरकार को इस विषय में पत्र लिखकर अवगत कराएंगे ताकि भोजपुरी को भी आठवीं सूची में शामिल किया जा सके।