ताहिर हुसैन का कबूलनामा, वह भी था दिल्ली हिंसा का एक बड़ा मास्टरमाइंड
नई दिल्ली, 03 अगस्त (हि.स.)।ताहिर हुसैन ने दिल्ली पुलिस के सामने अपने कबूलनामे मे किया यह खुलासा किया कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा का वह एक बड़ा मास्टरमाइंड था। उसने खालिद सैफी और उसके पीएफआई नेटवर्क में आने वाले लोगों के लोगों के साथ मिलकर साजिश में शमिल होने की बात कही थी। यह बयान डिस्क्लोजर का हिस्सा है।
हालांकि पीएफआई के लोग सीधे तौर पर इस हिंसा से जुड़े थे या फिर फंडिंग करने में उनकी भूमिका थी या फिर कुछ और, फिलहाल इसकी जांच जारी है। दरअसल क्राइम ब्रांच की जांच में विदेश से फंडिंग और कुछ संगठनों से जुड़े लोगों से सीएए के विरोध में फंडिंग किए जाने की बात बात का खुलासा हुआ था। हालांकि किसी संगठन और उससे जुड़े अधिकारियों की इस हिंसा को लेकर पूरी भूमिका क्या थी, उसे लेकर साफ तौर पर कोई बयान नहीं दिया गया है।
क्या कबूला ताहिर हुसैन ने
ताहिर ने हिंसा मामले की जांच के दौरान पूछताछ में यह बताया कि उसके जानकार खालिद सैफी ने उसे कहा कि तुम्हारे पास राजनीतिक पावर और पैसा दोनों है। ताहिर ने बताया कि खालिद ने कहा कि सीएए के विरोध में कुछ कदम उठाना पड़ेगा। गत 8 जनवरी को खालिद सैफी ने ही मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीन बाग में एक संगठन के दफ्तर मे मिलवाया था। जहां उमर खालिद ने बोला की वो मरने मारने को राजी है। वही खालिद सैफी ने कहा की पीएफआई से जुड़ा दानिश भी हमारी पूरी मदद करने के लिए तैयार है। वह हमारी फाइनेंशियल मदद भी सहयोग करेगा। इसके बाद हमने एक संगठन के दफ्तर में प्लान बनाया कि दिल्ली में कुछ ऐसा करेगे जिससे, प्रशासन सकते में आ जाए। हालांकि दानिश को भी इस मामले में बाद मे गिरफ्तार कर लिया गया।
इस बैठक में ये टास्क दिए गए थे
–खालिद सैफी का काम लोगो को सड़कों पर उतार हंगामा करवाना था। खालिद ने अपने जानकारों की मदद से लोगो को सड़कों पर इकट्ठा कर धरने प्रदर्शन करने के लिए तैयार किया
–मुझे टास्क दिया गया था कि में ज्यादा से ज्यादा कांच की बोतल, पेट्रोल,तेजाब, पत्थर, इकट्ठा कर अपने घर की छत पर रखूं।
–खालिद सैफी ने अपनी दोस्त इशरत जहां के साथ मिलकर सबसे पहले शाहीन बाग की तर्ज पर खुरेजी में धरना प्रदर्शन शुरू करवाया। फिर जगह जगह धरने प्रदर्शन शुरू कराए गए।
–4 फरवरी को अबू फजल इंक्लेव में मेरी खालिद सैफी से दंगो की प्लानिंग को लेकर मुलाकात हुई। वहां उमर खालिद ने कहा की फंडिंग की चिंता न करे उसके लिए पीएफआई सहित कुछ संगठन हमारी मदद करेंगे।
—इस बैठक में यह तय किया गया कि सीएए विरोधी धरने पर बैठे लोगों को भड़का कर चक्का जाम करवाया जाए। अगर पुलिस या दूसरे धर्म के लोग इसको रोकेंगे तो हम अपने लोगो को भड़का कर दंगे शुरू करवा देंगे।
–ख़ालिफ़ सैफी ने बोला की डॉनाल्ड ट्रम्प के विजिट के वक्त ही कुछ बड़ा करना है। ताकि सरकार पर बड़ा दबाव बन जाए। इसके बाद खाली बोलते छत पर इकट्ठा करवाई गई। घर के पास चल रही कन्सट्रश साइट से पत्थर भी छत पर इकट्ठा करवाए गए।
–17 फरवरी 2020 को उमर खालिद ने ट्रम्प के विजिट के लोगो से सड़कों पर उतरने की अपील की थी। उस वक्त मुझे तेजाब भी इकट्ठा करने को कहा गया था ताकि जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।
–24 फरवरी को योजना के मुताबिक मेरे छत पर काफी लोग एकत्र हो गए थे। इसके बाद दिन मे करीब डेढ़ बजे हमने खूब पथराव आगजनी करवाई।
–जानबूझकर मैंने अपने घर के बाहर और छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिए थे । ताकि कोई सबूत न रहे। मैंने अपने बच्चों परिवार की दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। खुद भी दूसरी जगह था। जानबूझकर पुलिस को बार बार फोन कर रहा था। ताकि मुझ पर शक न जाए।
–ताहिर बताया कि लोगों को सड़क पर उतारने में अहम भूमिका खालिद सैफी ने निभाई। साथ ही उमर खालिद के भाषणों का भी अच्छा असर पड़ा। हालांकि उमर ख़ालिद से शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सल ने हिंसा को लेकर कड़ी पूछताछ की है और उसका मोबाईल फोन जब्त कर लिया है।