नई दिल्ली, 13 अप्रैल: दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती के उपलक्ष्य में दिनांक 13 अप्रैल 2021 को “भारत राष्ट्र के नवनिर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का योगदान” विषय पर वेबिनार द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रामशरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. सत्यनारायण जटिया उपस्थित रहे। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी की कार्यक्रम समिति के अध्यक्ष श्री सुभाष चंद्र कंखेरिया के सानिध्य में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें वक्ता के रूप में गाजियाबाद के ग्लोबल कॉलेज ऑफ़ लॉ के निदेशक श्री भारत एस. सत्यार्थी उपस्थित रहे। श्रीमती कीर्ति दिक्षित द्वारा सरस्वती वंदना तथा जलियाँवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित कर वेबिनार का शुभारम्भ किया गया।
श्री सुभाष चंद्र कंखेरिया ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी को श्रद्धांजलि अर्पण करते हुए कहा कि अम्बेडकर जी जैसा व्यक्तित्व बहुत सौभाग्य से प्राप्त होता है। उन्होंने श्रोताओं को संगोष्ठी में उपस्थित सभी गणमान्य जनों का परिचय प्रदान कर सबका स्वागत किया। उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों को चिन्हित करते हुए अम्बेडकर जी द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन, संविधान निर्माण, मजदूरों के लिए संघर्ष, महिलाओं व समाज के उत्थान आदि हेतु किये गए योगदान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने श्रोताओं से अम्बेडकर जी की जीवनी का अध्ययन करने तथा उनके विषय में जानने का निवेदन किया।
श्री भारत एस. सत्यार्थी ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा समाज के उत्थान के लिए विभिन्न सत्याग्रहों के आयोजन, सभी वर्गों को समान अधिकार, मानवाधिकार के संरक्षण हेतु किए गए अतुल्य योगदान पर विस्तार में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब द्वारा सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, संवैधानिक क्षेत्रों में किए गए कार्यों हेतु भारत राष्ट्र उनका हमेशा आभारी रहेगा।
डॉ. सत्यनारायण जटिया ने श्रोताओं को बताया कि बाबासाहेब ने अपने जीवन काल में समाज और देशवासियों के उत्थान हेतु जो कार्य किए वो ही उनकी पहचान हैं। उन्होंने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी के बाल्यकाल, शिक्षा, जीवन परिदृश्य पर विस्तार में चर्चा की। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब ने भारतीय समाज में फैले अंधेरे को हटाकर एक हीरे के समान प्रकाश की स्थापना की। बाबासाहेब एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने अपनी अकल्पनीय संघर्ष शक्ति से दलित समाज को झकझोर कर उन्हें आगे बढ़ने की सामर्थ्य शक्ति प्रदान की। डॉ. सत्यनारायण जटिया ने कहा कि उन्होंने दुखी और पीड़ित जनों के जीवन में जागृति और प्रकाश लाने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और राष्ट्र के नवनिर्माण को ही अपना ध्येय समझा।
डॉ. रामशरण गौड़ ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सभी वक्ताओं तथा वेबिनार से जुड़े सभी श्रोताओं का धन्यवाद किया। उन्होंने बाबासाहेब जी के जीवन संघर्ष, भारत के नवनिर्माण में योगदान पर इतना सफल वक्तव्य प्रस्तुत कर श्रोताओं का ज्ञान वर्धन करने हेतु सभी गणमान्य वक्ताओं का अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता के सन्दर्भ में बाबासाहेब से बड़ा कोई राष्ट्र भक्त नहीं है। बाबासाहेब हिंदी प्रेमी थे तथा भाषा के आधार पर प्रान्तों के विभाजन के विरुद्ध थे। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की दूरदर्शिता तथा उनके विचारों का अनुपालन कर भारत राष्ट्र की सम्पूर्ण समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।
वेबिनार के पश्चात दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी श्री आर. के. मीना, श्री के. एस. राजू एवं उप-निदेशक (प्रशा.) श्री के. एल. मीना सहित अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर पुष्पार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।