दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा “मौलिक कर्तव्य” विषय पर संगोष्ठी (वेबिनार) का आयोजन

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नई दिल्‍ली, 08 सितम्‍बर  दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा दिनांक 8 सितम्बर 2020 को डॉ. रामशरण गौड़, अध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड की अध्यक्षता में “मौलिक कर्तव्य” विषय पर संगोष्ठी (वेबिनार) का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में डॉ. महेश चन्द्र गुप्त, संस्थापक एवं सदस्य, सांस्कृतिक गौरव संस्थान वक्ता के रूप में उपस्थित रहे तथा प्रो. राम अवतार शर्मा, सदस्य, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड संगोष्ठी में विशेष रूप से उपस्थित रहे ।डॉ. महेश चन्द्र गुप्त ने अपने वक्तव्य में बताया कि भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता को अक्षुण्य रखना प्रत्येक भारतवासी का प्रथम कर्तव्य है । हमारी सेना के साथ-साथ सारे देशवासी समरसता की भावना से देश की प्रभुता, एकता और अखंडता को बनाये रखने के लिए योगदान दे रहे हैं । उन्होंने श्रोताओं को मौलिक कर्तव्यों के विषय में संक्षिप्त में बताते हुए कहा कि हमें लेने की भावना को छोड़कर देने की प्रवृत्ति अपनानी चाहिए । हर नागरिक को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह सार्वजनिक संपत्ति की रक्षा करेंगे तथा दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे । उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वह कर्तव्यों का विवेचन करें इससे समाज में उनके प्रति जागरूकता बढ़ेगी ।

डॉ. रामशरण गौड़ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि समाज में मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता बहुत कम है अतः वर्तमान में भारत की प्रगति के लिये मौलिक कर्तव्यों के निर्वहन की आवश्यकता पर ज़ोर देना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता मिलने के बाद देशवासियों में राष्ट्रभक्ति, देशप्रेम की भावना खत्म होती जा रही है । हम स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भूलते जा रहे हैं यही वजह है कि हम अपने मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के प्रति सचेत नहीं हो पा रहे हैं । यह बहुत स्पष्ट है कि जब तक नागरिक अपने मौलिक अधिकारों के प्रयोग के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का निर्वाह नहीं करेंगे तब तक हम भारतीय समाज में लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत नहीं कर पाएँगे । उन्होंने सभी से राष्ट्र के प्रति अपनी कर्तव्य भावना को बढ़ाने का निवेदन किया । साथ ही, उन्होंने मौलिक कर्तव्यों में ग्यारवें संशोधन पर भी विस्तार में चर्चा की ।

संगोष्ठी के अंत में श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर प्रदान किए गए ।

अंत में श्री आर. के. मीणा, पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, दि.प.ला. द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया ।


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