दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा गाँधी जी के विचारों को दर्शाने हेतु वेबिनार द्वारा काव्य पाठ का आयोजन
नई दिल्ली, 30 सितम्बर : दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा गाँधी जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में दिनांक 30 सितम्बर 2020 को गाँधी जी के विचारों को दर्शाने हेतु वेबिनार द्वारा काव्य पाठ का आयोजन किया गया I श्री महेश चंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष, दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड तथा भूतपूर्व महापौर, दिल्ली नगर निगम की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें प्रसिद्ध कवियों: डॉ. जय सिंह आर्य, श्री प्रवीण आर्य, श्री भुवनेश सिंघल एवं श्री संजू सूर्यम द्वारा काव्य पाठ के माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये गए I
श्री महेश चन्द्र शर्मा द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा रखते हुए श्रोताओं को बताया गया कि गाँधी जी ने शिक्षा, अहिंसा, अस्पृश्यता, स्वच्छता, एकता, देशप्रेम जैसे प्रत्येक सामाजिक मुद्दे पर कार्य किया I गाँधी जी ने लगातार 15 दिन चलकर नमक कानून तोड़ा, स्वदेशी, असहयोग आन्दोलन चलाया, रोज़गार मूलक सिद्धांत तथा स्वच्छता का सन्देश दिया I उन्होंने श्रोताओं को यह भी बताया कि गाँधी जी हिंदी प्रेमी व्यक्ति थे, वे हिंदी भाषा को ही प्राथमिकता देते थे I अंत में उन्होंने सभी से गाँधी जी के सिद्धांतों, विचारों को अपनाकर गाँधी जी के सपनो को साकार करने का आग्रह किया I
श्री संजू सूर्यम ने अपने काव्य के माध्यम से श्रोताओं को बताया कि गाँधी जी ने आजीवन वसुधैव कुटुम्बकम, सत्य और अहिंसा का पालन किया I वह सर्वहितकारी, शोषितों के पालनहार, धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे I उन्होंने कभी किसी पर अत्याचार नहीं किया, अस्पृश्यता के विरुद्ध आवाज़ उठा कर इंसान से इंसान को जोड़ा I वह आजीवन मानवता के लिए जिये और मानव हित कार्यों को अपने जीवन का धेय बनाया I
श्री भुवनेश सिंघल ने अपनी काव्य युक्त वाणी से व्यक्त किया कि आज गाँधी जी भारत के स्वतंत्रता काल, सत्य तथा अहिंसा का पर्याय हैं I उन्होंने बताया कि गाँधी जी ने राम राज्य लाने हेतु पुरज़ोर अपनी आवाज़ उठाई और इसके लिए निरंतर प्रयासरत रहे I गाँधी जी के अनुसार रामराज्य का अर्थ है एक ऐसे राज्य की स्थापना जिसमें गरीबों की संपूर्ण रक्षा हो, सब कार्य धर्मपूर्वक किए जायें और लोकमत का हमेशा आदर किया जाएगा I
श्री प्रवीण आर्य ने ग़ज़ल के माध्यम से अपने विचार श्रोताओं के सम्मुख रखते हुए कहा कि गाँधी जी की राह पर चलते हुए हमें अपने हृदय में प्रेम भावना रखनी चाहिए तथा फल की इच्छा किये बिना सत्य मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए I उन्होंने कहा कि हमें गाँधी जी के विचारों को फिर से जीवंत करने की आवश्यकता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को सत्य, अहिंसा, मर्यादा-पालन, वीरता, क्षमा, धैर्य आदि गुणों को अपनाकर अपने अन्दर गाँधी उत्पन्न करने का प्रयास करना चाहिए I
डॉ. जय सिंह आर्य ने काव्य पाठ द्वारा गाँधी जी को याद करते हुए कहा कि हमें गाँधी जी के विचारों को अपनाकर उनके सपनों के भारत का निर्माण करने में अपना भरपूर योगदान देना चाहिए I उन्होंने कहा कि आज के समय में आतंक के बढ़ जाने से पूरा विश्व सहमा हुआ है इसलिए सर्वप्रथम आतंकवाद का खात्मा करने की आवश्यकता है इसके लिए हम सभी को अपने भीतर देशप्रेम की भावना का संचालन करना होगा I उन्होंने सभी से विकट से विकट स्थिति में भी मानवता के पावन पथ पर चलते रहने का संकल्प लेने का आह्वान किया I
अंत में श्री आर. के. मीणा, पुस्तकालय एवं सूचना अधिकारी, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया ।