जेएनयू हिंसा : 7 और की पहचान, अब तक 53 तलब

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दिल्ली पुलिस ने सभी को जांच में शामिल होने का दिया नोटिस



नई दिल्ली, 12 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम की स्पेशल इनवेस्टिगेटिव टीम ने इस ग्रुप के 7 और लोगों की पहचान कर ली है। इन नए लोगों के साथ ही पुलिस अबतक 53 लोगों की पहचान कर चुकी है, जो जांच की जद मे हैं। साथ ही पुलिस ने इन्हें अब जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भी जारी कर दिया है। इसके पहले पुलिस ने पुलिस ने अपना पक्ष रखने के लिए जेएनयू अध्यक्ष को बुलाया था, जिसने पुलिस के सामने अपनी बात व शिकायत रखी थी। अब इन सभी को पुलिस जांच के लिए बुलाया है।

वहीं एक निजी चैनल द्वारा दिखाए स्टिंग ऑपरेशन में शामिल छात्र सहित दो अन्य को भी पुलिस ने जांच के लिए बुलाया है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि इस तरह से जो भी तथ्य हमारे सामने आएंगे, उसे जांच में शामिल किया जाएगा। हालांकि एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अभी जांच अपने प्रारंभिक स्तर पर है, लिहाजा पूछताछ के दायरे में अभी और कई लोग आ सकते हैं। दअरसल हमारी 64 सदस्यीय टीम लगातार लोगों के बयान ले रही है, उनके पक्ष जानने में जुटी है और वायरल वीडियो व तस्वीरों की जांच कर रही है। इसके आधार पर ही तफ्तीश की आगे बढ़ाई जा रही है।
60 में से 44 की हुई पहचान
वहीं जांच में जुटी एसआईटी ने हिंसा की योजना के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप- यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट के 60 में से 44 लोगों की पहचान कर ली है। क्राइम ब्रांच ने इन सभी को नोटिस भेजा है। पुलिस का कहना है कि इनकी पहचान के बाद इन्हें जांच के लिए बुलाया गया है। पूछताछ के आधार पर यह तथ्य भी सामने आएंगे कि इसमें और कौन-कौन लोग शामिल थे। स्टिंग में दिखाई देने वाले जेएनयू के छात्र अक्षत अवस्थी के अलावा छात्र रोहित शाह को भी जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। दरअसल इस अक्षत अवस्थी के हमले का हिस्सा होने की बात का खुलासा हुआ था।
सर्वर तोड़े जाने से नहीं मिला फुटेज
वहीं मामले की जांच में जुटी पुलिस ने सर्वर रूप में तोड़फोड़ किए जाने के कारण वहां लगे सीसीटीवी काम नहीं करने की बात कही है। इस कारण पुलिस को मौके से घटना से जुड़ा कोई भी फुटेज हासिल नहीं हो सका है। वहीं मुख्य द्वार को छोड़ परिसर में कोई कैमरा नहीं है, इस कारण अन्य जगहों की फुटेज भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जो भी वीडियो व तस्वीर वायरल हुए हैं, उनके आधार पर और करीब 32 गवाहों से हुई पूछताछ और मामला दर्ज कराने के दौरान नामजद किए गए 28 छात्रों के नाम के आधार पर जो भी तथ्य सामने आए हैं, उनमें से 9 की पहचान कर तस्वीर जारी किए गए हैं। वायरल वीडियो व तस्वीर के माध्यम से अन्य आरोपितों की पहचान और तलाश अभी जारी है।

 


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