आतंकी हमले के साथ ही ट्रैक्टर रैली से निपटने को तैयार है दिल्ली पुलिस

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नई दिल्ली, 19 जनवरी (हि.स.)​​। गणतंत्र दिवस परेड के लिए अब केवल एक सप्ताह रह गया हैं। ऐसे में एक तरफ जहां आतंकी हमले से निपटने को लेकर तो वहीं दूसरी तरफ ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए पुलिस अपनी पूरी तैयारी कर चुकी है। इसके लिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में अलकायदा व खालिस्तान से जुड़े आतंकियों के पोस्टर चिपकाए गए हैं। वहीं किसान संगठन से बातचीत के अलावा बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता किया गया है।
जानकारी के अनुसार, आगामी मंगलवार को राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड निकाली जाएगी। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार केवल 25 हजार लोग ही कार्यक्रम में शामिल हो पायेंगे। इस बार समारोह में आम जनता दर्शक नहीं बन सकेगी। इसके साथ ही परेड को भी पहले से छोटा कर दिया गया है।
परेड पर आतंकी हमले का खतरा
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस समारोह की सुरक्षा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। एक तरफ किसान ट्रैक्टर रैली की बात कह रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ आतंकी हमले का भी खतरा हमेशा ऐसे समारोह पर रहता है। पुलिस ने इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का मजबूत घेरा बना रही है।
आतंकियों के पोस्टर चस्पा, धारा 144 लागू
वहीं आतंकी हमले से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से अलकायदा व खालिस्तान के दर्जन भर से ज्यादा आतंकियों के पोस्टर नई दिल्ली इलाके में चस्पा किये गए हैं। इसके द्वारा लोगों से अपील की गई है कि अगर इन लोगों को देखें तो तुरंत पुलिस को सूचना दे। समारोह स्थल पर विशेष कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो किसी भी संदिग्ध को देखते ही इसकी जानकारी सीधा कंट्रोल रूम को देंगे।
पुलिस ने चेकिंग की शुरू 
पुलिस ने साइबर कैफे, होटल, गेस्ट हाउस, किरायेदार आदि के सत्यापन भी तेजी से कर रही है। इसके अलावा हवाई हमले को ध्यान में रखते हुए इस इलाके में किसी भी उड़ने वाली वस्तु पर रोक लगाई गई है। इसे लेकर पुलिस कमिश्नर की तरफ से धारा 144 लगाई गई है और उल्लंघन करने वालों पर आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बॉर्डरों पर अलर्ट पुलिस
किसान संगठन द्वारा गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड के सामने ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कही गई थी। वहीं पुलिस का साफ कहना है कि किसी भी हालत में ट्रैक्टर रैली नहीं निकालने दी जाएगी। इसे लेकर पुलिस पहले किसान संगठनों से बातचीत कर रही है। उन्हें उम्मीद है कि बातचीत के जरिये हल निकल जायेगा, लेकिन अगर किसान अड़े रहे, तो उन्हें पुलिस बॉर्डर पर ही रोकेगी। वहां से उन्हें नई दिल्ली के इलाके में नहीं पहुंचने दिया जाएगा।

 


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